याददाश्त कमजोर होने के क्या कारण हैं? मस्तिष्क के लिए कौन सा विटामिन अच्छा है, जानें यहां

दिमाग का मुख्य भोजन क्या है? जानते हैं आप, सच तो ये है क‍ि हमारा खानपान दिमागी सेहत के लिए बेहद जरूरी है. सही विटामिन्स और मिनरल्स याददाश्त बढ़ाने, फोकस सुधारने और मानसिक क्षमता को मजबूत बनाने में मदद करते हैं.

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याददाश्त के लिए कौन सा विटामिन?

Vitamin For Strong Brain: जैसे जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर के साथ साथ दिमाग की सेहत का ख्याल रखना भी बेहद जरूरी हो जाता है. अक्सर लोग समझते हैं कि दिमाग को तेज और सक्रिय रखने के लिए केवल पजल हल करना या नई चीजें सीखना ही काफी है. लेकिन सच ये है कि हमारा खानपान भी दिमागी सेहत (Vitamins For Brain Health) में अहम भूमिका निभाता है. सही विटामिन्स और मिनरल्स याददाश्त (Memory Badhane Ke Tarike), फोकस और मानसिक क्षमता को मजबूत बनाते हैं और उम्र बढ़ने पर भी दिमाग को स्वस्थ बनाए रखते हैं. आइए जानते हैं कि कौन से पोषक तत्व दिमाग के लिए सबसे जरूरी हैं और उन्हें कैसे अपनी डाइट में शामिल किया जा सकता है.

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बी-विटामिन्स से याददाश्त और मूड बेहतर (Vitamin B)


बी6, बी9 (फोलेट) और बी12 जैसे बी-विटामिन्स दिमागी कार्यों में खास भूमिका निभाते हैं. ये न्यूरोट्रांसमीटर बनाने में मदद करते हैं, जो दिमाग के सेल्स के बीच संदेश पहुंचाने का काम करते हैं. इससे मूड अच्छा रहता है और मेमोरी भी बेहतर होती है. खासकर बी12 नसों की सेहत और खून में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए जरूरी है. उम्र बढ़ने के साथ कई बार शरीर में बी12 की कमी हो जाती है, जिससे थकान और भूलने की समस्या बढ़ सकती है. हरी पत्तेदार सब्जियां, अंडे, मछली, चिकन और फोर्टिफाइड सीरियल्स इसके अच्छे स्रोत हैं.
 

विटामिन D से मानसिक क्षमता में सुधार (Vitamin D)


विटामिन D को अक्सर ‘सनशाइन विटामिन' कहा जाता है क्योंकि ये सूरज की रोशनी से आसानी से मिलता है. ये दिमाग के सेल्स पर असर डालकर सोचने समझने की क्षमता को तेज करता है और मूड को संतुलित रखने में मदद करता है. रिसर्च बताती है कि जिन लोगों के शरीर में विटामिन D की कमी होती है, उनमें मानसिक कमजोरी और भूलने की समस्या ज्यादा देखी जाती है. फैटी फिश, दूध और सूरज की हल्की धूप इसके प्राकृतिक स्रोत हैं.



ओमेगा 3 फैटी एसिड्स से दिमागी सुरक्षा (Omega 3 Fatty Acid)


ओमेगा 3 फैटी एसिड्स दिमाग क सेल्स को मजबूत और फ्लेक्सिबल बनाते हैं. ये सूजन को कम करते हैं और दिमागी कार्यप्रणाली को बेहतर बनाते हैं. खासकर DHA और EPA नामक ओमेगा 3 दिमाग की संरचना के लिए बेहद अहम हैं. सालमन, मैकेरल, सार्डिन जैसी मछलियों के साथ साथ अलसी के बीज, अखरोट और चिया सीड्स में ये भरपूर पाए जाते हैं. अगर डाइट में इनका सेवन मुश्किल हो तो सप्लीमेंट्स भी लिए जा सकते हैं.



एंटीऑक्सीडेंट्स से सेल्स की सुरक्षा (Antioxidants)


विटामिन C और विटामिन E जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स दिमाग को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं. फ्री रेडिकल्स वो तत्व होते हैं जो सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज करते हैं. एंटीऑक्सीडेंट्स इनसे लड़कर दिमागी सेल्स को प्रोटेक्ट करते हैं. संतरे, नींबू, शिमला मिर्च, पालक, बादाम और सूरजमुखी के बीज इन पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं.

 

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मैग्नीशियम से मेंटल क्लियरिटी (Magnesium)


मैग्नीशियम 300 से अधिक शारीरिक प्रक्रियाओं में शामिल होता है, जिनमें दिमाग और नसों से जुड़े काम भी आते हैं. ये याददाश्त और सीखने की क्षमता को मजबूत करता है और दिमाग को रिलैक्स रखता है. पालक, बादाम, साबुत अनाज, दालें और बीन्स मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं.



खाना या सप्लीमेंट – क्या बेहतर है?


अधिकतर मामलों में फूड प्रोडक्ट सप्लीमेंट्स से बेहतर माने जाते हैं क्योंकि इनमें पोषक तत्व नेचुरल और बैलेंस रूप में मौजूद होते हैं. हालांकि डाइट से पर्याप्त पोषण न मिले तो डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स लिए जा सकते हैं.

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