Muh dhak ke sona: सर्दियां आ गई हैं और ऐसे में लोगों को आलस भी बहुत आता है. बिस्तर से लोगों का उठने का मन नहीं करता है. ठंड की वजह से कई लोग मुंह ढककर सोते हैं. कई लोगों को आदत होती है मुंह ढककर सोने की. ठंड से बचने के लिए लोग रजाई और कंबल के अंदर घुस जाते हैं ताकि गरमी बनी रहे और उन्हें अच्छे से नींद आ जाए. मगर क्या आपको पता है मुंह ढककर सोना आपके लिए कितना नुकसानदायक हो सकता है. ये आदत आपको कई बीमारियों का भी शिकार बना सकती है. आइए आपको बताते हैं कि मुंह ढककर सोने से क्या होता है.
मुंह ढककर सोने से क्या होता है (Issue while Cover Face)
रिसर्च के अनुसार मुंह ढककर सोने से कई तरह के नुकसान हो सकते हैं. खासकर अगर यह आदत लंबे समय तक बनी रहे. यह एक ऐसी आदत है जिससे बचना ही बेहतर है.
ऑक्सीजन की कमी और कार्बन डाइऑक्साइड का बढ़ना (Oxygen Level Decrease)
जब आप मुंह और सिर को पूरी तरह से ढककर सोते हैं तो आपके शरीर को पर्याप्त ताजी हवा या ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है. आप सांस छोड़ते समय जो कार्बन डाई ऑक्साइड बाहर निकालते हैं वो कंबल या चादर के अंदर ही जमा होती रहती है. आप बार-बार उसी कार्बन डाइऑक्साइड वाली हवा में सांस लेते हैं. इससे आपके शरीर में ऑक्सीजन का लेवल कम हो सकता है और कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ सकता है. इससे आपको अंदर घुटन महसूस होती है और नींद भी टूट जाती है साथ ही जब सुबह उठते हैं तो थकान सी महसूस होती है.
शरीर का तापमान बढ़ना और बेचैनी (Increase Body Temparature)
कंबल या चादर के अंदर मुंह ढककर सोने से उस जगह का तापमान बढ़ जाता है. हमारा शरीर रात को सोने के लिए थोड़ा ठंडा तापमान पसंद करता है. तापमान बढ़ने से आपको अधिक गर्मी लग सकती है, पसीना आ सकता है और बेचैनी महसूस हो सकती है. इससे आपकी नींद भी खराब हो जाती है.
खराब नींद की गुणवत्ता (Poor Sleep Quality)
लगातार कम ऑक्सीजन और बढ़ा हुआ कार्बन डाइऑक्साइड, गर्मी के कारण आपकी गहरी नींद प्रभावित होती है. अच्छी और गहरी नींद हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है. जब लंबे समय तक आपकी नींद खराब होती है तो इससे फोकस करने में कमी,चिड़चिड़ापन और स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं.