अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस (International Tea Day) 21 मई को दुनिया भर में मनाया जाता है.देश- दुनिया में शायद की कोई होगा जिसे चाय पसंद न हो. भारत में आपको हर नुक्कड़ पर चाय की टपरी मिल जाएगी. चाय से भारत के लोगों का खास रिश्ता है. यहां तक की चाय बेचने वाले शख्स के बेटे आज हमारे देश के प्रधानमंत्री हैं. सोशल मीडिया पर अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस पर लोगों ने अपनी भावनाएं शेयर की. एक यूजर ने कहा- चाय और पारलेजी रिश्ता हमेशा के लिए है.
आपको बता दें, भारत में चाय सिर्फ ड्रिंक नहीं बल्कि इमोशन है. कितनी ही चर्चा हाथ में चाय का कप लिए शुरू होती है. फेमस 'कटिंग चाय', 'मसाला चाय', 'अदरक चाय' से लेकर, 'तंदूरी चाय' तक. हर कोई चाय का दीवाना है.
जानें- क्या है चाय का इतिहास
चाय का इतिहास ज़्यादा पुराना नहीं है. माना जाता है कि भारत में चाय का आगमन 18 वीं सदी में हुआ था. इतिहासकारों की मानें तो 1824 में बर्मा या म्यांमार और असम की सीमांत पहाड़ियों पर चाय के पौधे पाए गए थे. इसके बाद अंग्रेजों ने भारत में 1836 में चाय का उत्पादन शुरू किया. सबसे पहले चाय की खेती करने के लिए चीन से बीज मंगवाए जाते थे. कुछ समय बाद असम की मशहूर चाय के बीजों का इस्तेमाल किया जाने लगा और भारत में बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन होना शुरू हो गया.