ट्रैवल इंफ्लुएंसर ने -70 ड‍िग्री में साइबेर‍िया में कैसे ब‍िताए 8 द‍िन, चौंका देगा ठंड में गुजारे मजेदार द‍िन

Travel Indian Influencers: साइबेरिया दुनिया की सबसे ठंडी जगह पर भारत की ट्रैवल इंफ्लुएंसर ने बनाया रिकार्ड आखिर क्या है पूरी बात चलिए जानते हैं

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Travel Indian Influencers: आखिर कितना ठंड़ा है साइबेरिया

Ankita kumar siberia: साइबेरिया रूस का एक बड़ा इलाका है जो पूरे देश का लगभग 3/4 भाग घेरे हुए हैं. यहां सर्दी का मतलब सिर्फ बर्फ नहीं हैं, यहां का तापमान 60 डिग्री तक गिरता हैं.  यहां पर गर्मियां काफी छोटी होती हैं, जिससे तापमान मुश्किल से 20 डिग्री तक पहुंचता हैं. भारत की ट्रैवल इंफ्लुएंसर अंकिता बताती हैं कि यह जगह इतनी ठंडी  है जिस्में आपका फोन 10 मिनट में बंद हो जाता है. 15 मिनट से ज्यादा बाहर रहना मना है. गाड़ियां 24x7 चालू रखनी पड़ती हैं क्योंकि फ्यूल फ्रीज हो जाता है. मार्केट में वेजिटेरियन खाना मिलना नामुमकिन है क्योंकि वहां पर कुछ भी उगाना नामुमकिन हैं. 

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आखिर कितनी ठंडा था साइबेरिया | How Cold Is Siberia

अंकिता ने याकुत्स्क (Yakutsk) में -50 डिग्री और  ओयम्याकोन (Oymyakon) में -64 डिग्री तक की सर्दी देखी हैं. यहां जाना उनका ड्रीम था जिसे उन्होंने पूरा किया हैं.  

सर्वाइवल मोड ऑन | Survival mode

याकुत्स्क (Yakutsk) पहुंचते ही सबसे पहले उन्होंने ठंड से बचने का प्रयास किया. फोन कुछ ही मिनटों में बंद हो जाते हैं. हाथ सुन्न पड़ जाते हैं. इसके साथ ही शूटिंग करना काफी बार मुशकिल हो जाता हैं. 

18 घंटे का सफर | 18 Hours Drive 

Road of Bones के नाम की एक सड़क जिसे स्टालिन के राज में बनाया गया था. इसे बनते हुए जिन कैदियों की जान गई थी उनकी हड्डियों से इसे बनाया गया था. इसे बनाते हुए लगभग 10 लाख लोग मारे गए थे. 18 घंटे बिना रूके ड्राइव में ना कोई दुकान और ना ही कोई पेट्रोल पंप था.

साइबेरिया में पाइपलाइन जमीन के ऊपर होती है. पानी पूरी तरह जम जाता है, तो हर घर के पास एक Sauna hut होता है. जिसमें नहाया जा सके. साइबेरिया में रहने वाले शाकाहारी लोगों के लिए संघर्ष और भी ज्यादा है.
खाने के लिए न फल है न सब्जियां. खाने के लिए सिर्फ मांस मिलता हैं. वहां पर लोग कच्चा घोड़े का लीवर भी खाते हैं. अंकिता और उनकी दोस्त ने भारत से रेडी-टू-ईट पैकेट्स ले रखे थे जिन्हें गर्म पानी में मिलाकर खाया था.

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इस पूरे सफर में अंकिता ने सिर्फ ठंड से नहीं, बल्कि खुद से भी मुकाबला किया हैं. उनकी ये यात्रा दिखाती है कि इंसानी हिम्मत से कोई भी काम कर सकता हैं.

                                                                                                                              प्रस्तुति: इशिका शर्मा

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