Reading Glasses: आजकल जिस तरह की लाइफस्टाइल और खानपान का ट्रेंड चल रहा है, उसका असर सेहत पर बुरा पड़ रहा है. लगातार लैपटॉप, फोन चलाने से आंखों की रोशनी कमजोर हो रही है. इसके अलावा भी आंखों को कई तरह से नुकसान हो रहा है. यही कारण है कि कम उम्र में ही बहुत से बच्चों को चश्मा लग जा रहा है. कुछ लोग पढ़ते समय आंखों पर चश्मा लगाते हैं, ताकि उन्हें देखने के लिए ज्यादा जोर न लगाना पड़े. पढ़ने के चश्मे (Reading Glasses) को लेकर लोगों में कई गलतफहमियां भी हैं. मिथक है कि इस चश्मे को लगाने से आंखें कमजोर हो रही हैं. हालांकि, आई एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. इस तरह के चश्मों को कई फायदे हैं.
क्या पढ़ने वाला चश्मा कमजोर कर रहा नजर
पढ़ने के चश्मे को लेकर सबसे बड़ी गलतफहमी है कि इसे लगाने से फोकस करने की क्षमता कमजोर जो जाती है और आंखों की रोशनी कम होने लगती है. इसकी वजह से आगे चलकर हमेशा चश्मा लगाने काी आदत भी बन जाती है. इसे लेकर एक्सपर्ट्स का कहना है कि उम्र बढ़ने के साथ प्रेस्बायोपिया की समस्या बढ़ती है, जिसे दूर करने के लिए पढ़ने वाले चश्मे का इस्तेमाल किया जाता है. प्रेस्बायोपिया में पास का धुंधला नजर आता है. इस चश्मे की मदद से आंखों को बड़ी चीजे दिखाई देती हैं और पास का देखने के लिए परेशान नहीं होना पड़ता है. डॉक्टरों का कहना है कि इससे आंखें भी कमजोर नहीं होती है. इसे लगाने से आंखों में थकान कम होती है.
सही चश्मा लगाने के फायदे
1. जब हम पास की चीजों को देखते हैं तो हमारी आंखों को ज्यादा जोर लगाना पड़ता है, जिससे वे जल्दी थक जाती हैं. पढ़ने का चश्मा आंखों को तनाव और थकान से बचाता है.
2. कंप्यूटर-लैपटॉप पर काम करने के दौरान भी पढ़ने वाला चश्मा काफी मददगार साबित हो सकता है.
3. छोटे-छोटे अक्षर पढ़ने में बिना चश्मे को जोर लगाना पड़ता है. ऐसे में आंखों में खिंचाव होता है और सिरदर्द, आंखें टेढ़ी जैसी समस्याए होती हैं. इस चश्मे से इन परेशानियों से बच सकते हैं.
4. छोटे अक्षरों को देखने के लिए जब आंखें जोर लगाती हैं तो शरीर का पोस्चर भी खराब होने का डर रहता है. इससे गर्दन और कंधों में दर्द हो सकता है. पढ़ने का चश्मा इससे बचाने के काम आता है.
चश्मे के लेकर सावधानियां
1. आंखों की जांच किसी अच्छे आई स्पेशलिस्ट या ऑप्टोमेट्रिस्ट से करवाना चाहिए. वहां से आपको सही नंबर का चश्मा मिलेगा, उसी का इस्तेमाल करें.
2. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आंखों को थकाने से बचाने के लिए 20-20-20 का फॉर्मूला अपनाएं. हर 20 मिनट में 20 सेकंड का ब्रेक और 20 फीट दूर की चीजों को देखने की कोशिश करें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.