डिलीवरी के बाद वाइफ का कैसे रखें ख्याल, पतियों के लिए डॉक्टर ने दी सलाह, पति-पत्नी का आपसी प्यार भी बढ़ेगा  

Being A Supportive Postpartum Partner: पत्नी बच्चे को जन्म देती है तो पति की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह पत्नी का ख्याल रखे. ऐसे में गाइनोकोलॉजिस्ट ने बताया किस तरह पत्नी का पोस्टमार्टम के दौरान ख्याल रखा जा सकता है. 

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How To Take Care Of Wife After Delivery: बच्चे के जन्म के बाद पति इस तरह रख सकते हैं पत्नी का ख्याल.

Relationship Tips: बच्चे के जन्म के बाद पति-पत्नी माता-पिता बन जाते हैं. घर में नई खुशियां आती हैं तो साथ ही जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं. मां को खासतौर से अपना और बच्चे का ख्याल रखना है. इस समय पत्नी को अपने पति की सबसे ज्यादा जरूरत होती है. पत्नी को ना सिर्फ बच्चे की देखभाल बल्कि खुद की देखरेख और इमोशनल सपोर्ट के लिए भी पति (Husband) की जरूरत होती है. इसी बारे में बता रही हैं ऑबेस्टेरिशियन गाइनोकोलॉजिस्ट आरिया रैना. डॉक्टर ने बताया कि पत्नी की डिलीवरी (Delivery) के बाद उनके पास पति यह सवाल लेकर आते हैं कि वे पत्नी का किस तरह से ख्याल रख सकते हैं और कैसे उन्हें मेडिकल हेल्प दे सकते हैं. ऐसे में डॉ. आरिया सभी पतियों को सलाह दे रही हैं कि बच्चे के जन्म के बाद वे किस तरह से पत्नी का ख्याल रख सकते हैं. 

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डिलीवरी के बाद कैसे रखें पत्नी का ख्याल | How To Take Care Of Wife After Delivery 

डॉ. आरिया रैना बताती हैं कि पति भी अब पिता बन जाते हैं और पत्नी के साथ ही उनकी जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है. ऐसे में पत्नी को एक्टिवली सपोर्ट करना बेहद जरूरी है. पत्नी के पोस्टपार्टम पीरियड (Postpartum Period) में पति का रोल बेहद महत्व रखता है. इससे पत्नी का स्ट्रेस कम होता है और पिता बच्चे के साथ बेहतर बोंडिंग कर पाते हैं.

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  • बच्चे के डाइपर बदलने, बेबी को सूद करने और बोतल से दूध पिलाने में भी मदद करें. 
  • डिलीवरी के बाद पत्नी के शुरुआती टेस्ट करवाने साथ लेकर जाएं. पोस्ट नेटल चेकअप्स और पीडियाट्रिशियन के पास जाते हुए साथ रहें. 
  • मां को स्ट्रेस ना हो इस बात का ध्यान रखें. मूड स्विंग्स और पोस्ट पार्टम डिप्रेशन के साइन दिखेंगे तो उन्हें ऑब्जर्व करें. अगर हेल्प की जरूरत हो तो पत्नी को एनकरेज करें कि किसी स्पेशलिस्ट को दिखाएं. 
  • नींद बेहद जरूरी होती है और सबसे बड़ी चुनौती भी है. दोनों पैरेंट्स अगर नींद नहीं लेंगे तो थकान होगी, इरिटेशन होगी और कंफ्यूजन बढ़ जाएगा. ऐसे में शेड्यूल बनाएं, स्क्रीन टाइम कम करें, स्लीप रूटीन बनाएं और बच्चे (Baby) का ध्यान शिफ्ट्स में रखें ताकि किसी एक पर बहुत ज्यादा बोझ ना पड़े 
  • मां ही नहीं बल्कि पिता को भी पोस्टपार्टम डिप्रेशन (Postpartum Depression) हो सकता है. अगर आप इरिटेशन महसूस कर रहे हैं या एंजाइटी महसूस कर रहे हैं तो इसे इग्नोर ना करें और हेल्प लें. 
  • पति का सपोर्ट ब्रेस्टफीडिंग में बहुत मदद करता है. पत्नी जब बच्चे को दूध पिलाती है तो उसे कंफर्टेबल करवाना, स्नैक्स और पानी देना, विजिटर्स को देखना वगैरह पति कर सकते हैं. डॉ. आरिया बताती हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन भी कहता है कि पति का एनकरेजमेंट पत्नी को ब्रेस्टफीडिंग के लिए एनकरेज करता है. 
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  • डिलीवरी के बाद पति और पत्नी के बीच की इंटिमसी भी बदल जाती है. हार्मोंस, थकान और हीलिंग की वजह से एक्सपेक्टेशंस मैनेज करनी पड़ती है. ऐसे में प्रेशर ना बनाएं और एकदूसरे से इस बारे में बात करें. इमोशनल बोंडिंग पर ध्यान दें. 
  • डॉक्टर बताती हैं कि 80 फीसदी महिलाओं को बेबी ब्लूज होते हैं ऐसे में पति का शांत रहना और सपोर्टिव होना बहुत जरूरी है. सोल्यूशन ना दें बल्कि पत्नी की बात को सुनें और उनसे कहें कि सब ठीक हो जाएगा. 
  • मेडिकल नॉलेज में आप सीपीआर देना सीख सकते हैं, बच्चे के गले में अगर कुछ अटके तो कैसे निकालें यह सीखें और बच्चे की वैक्सीनेशन को ट्रैक करें. खुद की सेहत का भी ख्याल रखें, अच्छा खाएं और एक्सरसाइज करें. खुद स्ट्रेस में ना रहें. पत्नी और बच्चे के साथ-साथ अपन भी ख्याल रखें. 

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