How To Remove Burn Marks: जलने के बाद बचा हुआ दाग न सिर्फ त्वचा की सुंदरता को प्रभावित करता है, बल्कि आत्मविश्वास को भी कम कर सकता है. ऐसे में क्या हो अगर आपको इन निशानों से छुटकारा पाने का प्राकृतिक, सुरक्षित और असरदार तरीका मिल जाए? मामले को लेकर NDTV संग हुई बातचीत के दौरान स्किनकेयर एक्सपर्ट और ब्लॉसम कोचर ग्रुप ऑफ कंपनीज की अध्यक्ष डॉ. ब्लॉसम कोचर ने बताया, आयुर्वेद में ऐसे कई औषधीय तरीके बताए गए हैं, जो त्वचा को पुनर्जीवित कर जलने के निशानों को हल्का करने में मदद कर सकते हैं. आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही आसान लेकिन असरदार तरीकों के बारे में-
रतनजोत और नारियल तेल
डॉ. ब्लॉसम बताती हैं, रतनजोत (Alkanet Root) का इस्तेमाल आयुर्वेद में त्वचा संबंधी समस्याओं को ठीक करने के लिए वर्षों से किया जा रहा है. इसमें स्किन रीजेनरेशन वाले गुण होते हैं. वहीं, जब इसे नारियल तेल में पकाया जाता है, तो यह एक शक्तिशाली उपचारक तेल बन जाता है.
- 1 चम्मच रतनजोत लें और उसे 100ml नारियल तेल डालकर धीमी आंच पर पकाएं.
- जब तेल गुलाबी या लाल रंग का हो जाए, तब इसे ठंडा कर छान लें.
- इस तेल को जले हुए निशान पर रोजाना सुबह-शाम लगाएं.
- धीरे-धीरे यह निशान हल्का करता है और त्वचा की नई कोशिकाओं को विकसित करने में मदद करता है.
हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जबकि शहद त्वचा को नम और मुलायम बनाता है. इसके लिए 1 चम्मच हल्दी में 1 चम्मच शहद मिलाकर पेस्ट बनाएं और निशान पर लगाएं.
लैवेंडर एसेंशियल ऑयल में सूजनरोधी और त्वचा को पुनर्जीवित करने वाले गुण होते हैं, जो जले हुए निशानों को हल्का करने में मदद कर सकते हैं. यह त्वचा को शांत करता है, लालिमा और जलन को कम करता है, साथ ही त्वचा की मरम्मत की प्रक्रिया को तेज करता है.
- 2-3 बूंद लैवेंडर एसेंशियल ऑयल को 1 चम्मच नारियल तेल या जोजोबा तेल में मिलाएं.
- इस मिश्रण को प्रभावित स्थान पर धीरे-धीरे मालिश करते हुए लगाएं.
- 15-20 मिनट तक लगा रहने दें या रातभर छोड़ दें और सुबह धो लें.
- अच्छे परिणामों के लिए रोजाना इसका प्रयोग करें.
डॉ. ब्लॉसम बताती हैं, जले का निशान हल्का करने में समय और निरंतरता की जरूरत होती है. ऐसे में इन उपायों को रोजाना अपनाएं और धूप से बचाव के लिए सनस्क्रीन जरूर लगाएं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.