Cholesterol control tips : भागदौड़ भरी जिंजगी और खराब खानपान के कारण लोगों का इम्यून सिस्टम (weak immune system) कमजोर पड़ रहा है. जिसके कारण बहुत जल्दी-जल्दी बीमार पड़ रहे हैं लोग. इसके चलते थायराइड, डायबिटीज, कोलेस्ट्रोल जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाते हैं लोग. आज हम कोलेस्ट्रोल के बारे में बात करेंगे. हम आपको इस आर्टिकल में शरीर में बैड कोलेस्ट्रोल (Bad cholesterol) बढ़ गया है कैसे पता लगा सकते हैं, उसके बारे में बताएंगे, तो चलिए बिना देर किए जानते हैं.
खराब कोलेस्ट्रोल के लक्षण
सबसे पहला लक्षण ये है कि जांघों, कूल्हों और पैर में तेज दर्द बनी रहती है तो समझ जाइए शरीर में कोलेस्ट्रोल लेवल बढ़ गया है. ऐसा होने पर आप कोलेस्ट्रोल की तुरंत जांच करवाएं. आपको बता दें कि एडल्ट्स में 200 मिलिग्राम प्रति डीएल कोलेस्ट्रोल होना चाहिए. लेकिन यह जब 240 तक पहुंच जाए तो समझ जाइए कोलेस्ट्रोल का खराब स्तर बढ़ गया है.
कोलेस्ट्रोल बढ़ने का कारण
हाई कोलेस्ट्रोल (High Cholesterol) तब होता है जब वसायुक्त पदार्थ का सेवन आप ज्यादा करते हैं. इसके अलावा वसायुक्त भोजन खाने, व्यायाम न करने, वजन बढ़ने, धूम्रपान और शराब का सेवन ज्यादा करते हैं.
बैड कोलेस्ट्रोल कैसे करें कंट्रोल
आप हेल्दी फूड और एक्सरसाइज करके अपने कोलेस्ट्रोल को कम कर सकते हैं. कुछ लोग इसको कंट्रोल करने के लिए दवाई भी खाते हैं. ज्यादा कोलेस्ट्रोल आपके ब्लड वेसल्स को बाधित करता है. जिससे हार्ट स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है.
कब-कब कराएं कोलेस्ट्रोल की जांच
किसी व्यक्ति की पहली कोलेस्ट्रॉल जांच 9 और 11 वर्ष की आयु और उसके बाद हर पांच साल में जांच करानी चाहिए. 65 साल से अधिक लोगों को हर साल कोलेस्ट्रोल परीक्षण करवाना चाहिए.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.