मुंहासे होना आम समस्या है और इससे छुटकारा पाने के लिए अधिकांश महिलाएं टूथपेस्ट, नींबू आदि लगाती है, जो स्किन को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि पिंप्लस से प्रभावित हिस्से को छूना भी नहीं चाहिए. 'द बॉडी शॉप' की शिखी अग्रवाल (हेड ट्रेनिंग) और ल्यूमियर डर्मेटोलॉजी की त्वचा विशेषज्ञ किरण लोहिया ने मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए ये सुझाव दिए हैं:
* कई बार आंतरिक असंतुलन खासकर हार्मोन की वजह से पिंप्लस निकलते हैं. आंतरिक समस्या से मुंहासे होने पर बल्ड टेस्ट व अल्ट्रासाउंड से पता चल जाता है. मुंहासों से बचने के लिए संतुलित व हेल्दी डाइट जैसे फलों, सब्जियों का सेवन करें.
* कई लोगों का मानना होता है कि मुंहासे स्किन के अधिक ऑयली होने के कारण निकलते हैं और वे कठोर साबुन या स्क्रब का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं. सच्चाई यह है कि ज्यादा ड्राई स्किन मुंहासों को और बढ़ावा दे सकते हैं. स्क्रब से मुंहासों में सूजन व लालिमापन आने की संभावना बढ़ जाती है और चेहरे में जलन महसूस हो सकती है.
* मुंहासों के उपचार में तीन से लेकर छह महीने तक का समय लग सकता है. लोग अपना धैर्य खोने लगते हैं और नींबू, टूथपेस्ट या लहसुन का इस्तेमाल करते हैं, जो मुंहासों वाली त्वचा को और नुकसान पहुंचा सकते हैं.
* चेहरे को रोजाना दो-तीन बार धोएं, अगर त्वचा में पर्याप्त मात्रा में मॉइश्चराइजर है तो फिर यह अपना ऑयल बाहर नहीं निकालता है, ऐसे में मुंहासे होने की संभावना नहीं होती है.
* अपनी त्वचा को नियमित रूप से मॉइश्चराइज करें, जिससे त्वचा में नमी बनी रहे, अगर बारिश हो रही हो तो नॉन-वाटर बेस्ड मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें, जिससे भीगने पर भी मॉइश्चराइजर त्वचा से पूरी तरह से नहीं निकले.
* बैक्टीरिया को दूर रखने के लिए चेहरे पर कुछ क्रीम आदि लगाते समय अपने हाथ जरूर धो लें. प्रभावित हिस्से को लगातार छूने से बैक्टीरिया के फैलने की संभावना होती है, जिससे और मुंहासे निकल सकते हैं.
* टी (चाय) ट्री तेल जीवाणु रोधी और एंटी फंगल होता है और यह तैलीय त्वचा के लिए उपयुक्त होता है. मुंहासों से बचने के लिए इस तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस से इनपुट
* कई बार आंतरिक असंतुलन खासकर हार्मोन की वजह से पिंप्लस निकलते हैं. आंतरिक समस्या से मुंहासे होने पर बल्ड टेस्ट व अल्ट्रासाउंड से पता चल जाता है. मुंहासों से बचने के लिए संतुलित व हेल्दी डाइट जैसे फलों, सब्जियों का सेवन करें.
* कई लोगों का मानना होता है कि मुंहासे स्किन के अधिक ऑयली होने के कारण निकलते हैं और वे कठोर साबुन या स्क्रब का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं. सच्चाई यह है कि ज्यादा ड्राई स्किन मुंहासों को और बढ़ावा दे सकते हैं. स्क्रब से मुंहासों में सूजन व लालिमापन आने की संभावना बढ़ जाती है और चेहरे में जलन महसूस हो सकती है.
* मुंहासों के उपचार में तीन से लेकर छह महीने तक का समय लग सकता है. लोग अपना धैर्य खोने लगते हैं और नींबू, टूथपेस्ट या लहसुन का इस्तेमाल करते हैं, जो मुंहासों वाली त्वचा को और नुकसान पहुंचा सकते हैं.
* चेहरे को रोजाना दो-तीन बार धोएं, अगर त्वचा में पर्याप्त मात्रा में मॉइश्चराइजर है तो फिर यह अपना ऑयल बाहर नहीं निकालता है, ऐसे में मुंहासे होने की संभावना नहीं होती है.
* अपनी त्वचा को नियमित रूप से मॉइश्चराइज करें, जिससे त्वचा में नमी बनी रहे, अगर बारिश हो रही हो तो नॉन-वाटर बेस्ड मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें, जिससे भीगने पर भी मॉइश्चराइजर त्वचा से पूरी तरह से नहीं निकले.
* बैक्टीरिया को दूर रखने के लिए चेहरे पर कुछ क्रीम आदि लगाते समय अपने हाथ जरूर धो लें. प्रभावित हिस्से को लगातार छूने से बैक्टीरिया के फैलने की संभावना होती है, जिससे और मुंहासे निकल सकते हैं.
* टी (चाय) ट्री तेल जीवाणु रोधी और एंटी फंगल होता है और यह तैलीय त्वचा के लिए उपयुक्त होता है. मुंहासों से बचने के लिए इस तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस से इनपुट
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