Drinking water Rules: हर इंसान को जीवन जीने के लिए पानी सबसे जरूरी है. इसके बिना कुछ घंटे भले ही रहा जा सकता है, लेकिन कुछ दिन अगर पानी ना मिले तो मरने की नौबत आ सकती है. लेकिन इतने जरूरी चीज को हम सब बड़ी आसानी से कभी एक ही घूंट में पी जाते हैं, कभी चलते-चलते पी लेते हैं, तो कभी पीना ही भूल जाते हैं. आयुर्वेद पानी को पीने भी बहुत जरूरी गतिविधि मानता है. कुछ ऐसी बातें हैं जिनका आपको पानी पीते समय खयाल रखना बहुत जरूरी हैं.
ये हैं पानी पीने का सही तरीका
1. इतना पानी रोज पीना है जरूरीआयुर्वेद की माने तो हर किसी को दिन में 7 से 8 ग्लास पानी जरूर पीना चाहिए. अपने शरीर को अच्छी तरह हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है. पानी की कमी होने से आपको कई सारी बीमारियां घेर सकती है.
लोगों को ठंड के मौसम में सिर्फ गुनगुने पानी की याद आती हैं. लेकिन फायदे के हिसाब से आपको पूरे साल हल्का गुनगुना पानी ही पीना चाहिए. फ्रीज का ठंडा पानी आपके हड्डियों के लिए बहुत बुरा होता है. गुनगुने पानी से शरीर अच्छी तरह डिटॉक्स हो जाता है और आपका पाचन सही रहता है.
बचपन से हमें सिखाया जाता हैं कि कभी भी खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए. इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं. असल में खड़े होकर पानी पीने से शरीर में मौजूद तरल चीजों का संतुलन बिगड़ जाता है. इससे गठिया जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है.
अकसर लोगों की आदत होती हैं एक ही घूंट में पानी गटक जाने की. लेकिन ये शरीर के लिए बहुत बुरा होता है. इससे अंदर के पार्ट्स को चोट लग सकता है. घूंट-घूंट करके पानी पीने से शरीर उसमें मौजूद पोषक तत्वों को अच्छी तरह प्रोसेस कर पाता है.
5. खाने के साथ ना पिएं पानीआयर्वेद मानता हैं कि खाने के साथ पानी पीना अच्छा नहीं होता है. इससे खाने का पाचन रुक जाता है. इसलिए खाने के 1 घंटे पहले या 1 घंटे बाद अच्छी तरह पानी पी लें.
(प्रस्तुति-अंकित श्वेताभ)
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.