शरीर में हार्मोनल बैलेंस बिगड़ने तो नहीं लगा है आपका, एक्सपर्ट ने बताया इन साइन से पहचानें

Hormonal Imbalance होने पर इसके शुरुआती संकेत मिलने लगते हैं, जिसके आधार पर अलर्ट हो जाना जरूरी है. अगर आपके शरीर में भी हार्मोन्स का लेवल बिगड़ गया है तो डॉक्टर के बताए इन बातों पर गौर करें.

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शरीर में भी हार्मोन्स का लेवल बिगड़ गया है तो डॉक्टर के बताए इन बातों पर गौर करें.

Hormonal Imbalance: खराब लाइफस्टाइल और खानपान की खराब आदतें असंतुलित हार्मोन्स का कारण बन रही हैं. हार्मोनल का बैलेंस बिगड़ने से कई बार महिलाओं में पीरियड्स के दौरान गंभीर दर्द, अनियमित पीरियड्स, शरीर के अलग-अलग हिस्सों में अनचाहे बाल, कील-मुंहासे, पीसीओएस, थायराइड, बालों का झड़ना जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो जाती हैं. (How to Cure Hormonal Imbalance) यह आगे चलकर परेशानी का सबब बनने लगती हैं. हमारे शरीर में (Hormonal imbalance causes) अलग-अलग अंगों को एक्टिव रखने के लिए अलग-अलग हार्मोन की जरूरत होती है. कई बार शरीर में हार्मोनल ग्लैंड्स सही तरीके (Treatment of hormonal imbalance) से काम करना बंद कर देती है.

ऐसे में डायबिटीज, थायराइड सहित कई अन्य तरह की बीमारियां शरीर में दस्तक देना शुरू कर देती हैं. हालांकि Hormonal Imbalance होने पर इसके शुरुआती संकेत मिलने लगते हैं, जिसके आधार पर अलर्ट हो जाना जरूरी है. अगर आपके शरीर में भी हार्मोन्स का लेवल बिगड़ गया है तो डॉक्टर के बताए इन बातों पर गौर करें.

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डॉक्टर के अनुसार शरीर में ये हार्मोन्स बेहद जरूरी हैं
कुछ ऐसे हार्मोन्स हैं जो हमारे शरीर में बहुत सारे काम करते हैं. इनमें थायरॉइड हार्मोन पिट्यूटरी ग्रंथि के हार्मोन, एड्रेनालाईन हार्मोन, ग्रोथ हार्मोन, टेस्टोस्टेरोन हार्मोन, फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन और ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन शामिल हैं.

थायरॉइड हार्मोन महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए बहुत जरूरी है. थायरॉइड हार्मोन को थायरॉइड ग्रंथि तैयार करती है और यह ग्रंथि गले के पास होती है. इस ग्रंथि में t3 और t4 हार्मोन तैयार होते हैं. यह दोनों मिलकर थायरॉइड हार्मोन बनाते हैं. डॉक्टर बताते हैं कि ग्रोथ हार्मोन शरीर के विकास के लिए बेहद जरूरी हैं.

 हार्मोनल चेंजेज के यह संकेत

हार्मोन बदलने के कुछ संकेत मिलते हैं. जैसे वजन बढ़ना, सुस्ती आना, पेट साफ ना होना, कोई काम में उत्साह न रहना, महिलाओं में मेंस्ट्रूअल साइकिल अनियमित हो जाना है. इससे प्रेगनेंसी में भी दिक्कत आती है. इसके अलावा हीमोग्लोबिन की मात्रा घट जाती है और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है.

जब हाइपोथॉयराडिज्म का लेवल बढ़ जाए तो बुखार आता है, दिल की धड़कन तेज हो जाती है, हाथ कांपने लगते हैं, तलवे में पसीना आने लगता है, लूज मोशन होने लगते हैं. महिलाओं को मेंस्ट्रूअल साइकिल अनियमित हो जाता है और नींद नहीं आती. डॉक्टर के अनुसार हाइपोथॉयराडिज्म में थायरोक्सिन के रूप में थायरॉइड हार्मोन का सप्लीमेंट लेना पड़ता है या फिर कुछ दवाइयां खानी पड़ती हैं.

हार्मोन्स का बैलेंस गड़बड़ होने पर क्या करें
अगर आप डॉक्टर के पास जाने से बचना चाहते हैं तो हेल्दी डाइट लें. ऐसी डाइट लें जिसमें सारे पोषक तत्व मौजूद हों. पर्याप्त नींद लें, अपनी लाइफ स्टाइल सही रखें. अपना वजन कंट्रोल में रखें, रोज थोड़ा एक्सरसाइज करें.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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