Hormone balance tips : आजकल की भागदौड़ भरे जीवन में खुद के लिए समय लोगों के पास नहीं है. खराब दिनचर्या के कारण शरीर में हार्मोन का स्त्राव असंतुलित हो जाता है जिसके चलते फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर बुरा प्रभाव पड़ता है. ऐसे में उन्हें समय रहते संतुलित करना बहुत जरूरी है. इस लेख में हम आपको आगे हार्मोन को सुंतलित करने के लिए एक घरेलू नुस्खा (gharelu upay) बताने जा रहे हैं जिसे आप रोजाना सेवन करना शुरू कर देंगे तो 15 दिन में ही आप बदलाव महसूस करने लगेंगे. साथ ही आपको लेख में हार्मोनल असंतुलन के लक्षणों के बारे में बताएंगे तकि आप समय रहते पहचान कर उनका इलाज कर सकें.
हार्मोन असंतुलित होने के लक्षण
वैसे तो हार्मोनल असंतुलन किशोरावस्था, गर्भावस्था और पेरी-मेनोपॉज या मेनोपॉज के दौरान अधिक होता है जो कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानी खड़ी कर सकता है, जिसमें से ये निम्म हैं-
1- हार्मोनल के असंतुलित होने पर सबसे पहला असर आपके चेहरे पर दिखने लगता है मुंहासे के रूप में. इसके अलावा चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग, कंसन्ट्रेशन खराब होना, थकावट जैसे लक्षण भी नजर आते हैं. महिलाओं को हार्मोन्स के असंतुलित होने से पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम डिसऑर्डर का भी खतरा बढ़ जाता है.
2- जब शरीर में सही ढंग से हार्मोन का स्त्राव नहीं होता है तो तेजी से वजन घट और बढ़ सकता है. हाथ पैर में झुनझुनी, कोलेस्ट्रॉल बढ़ना, थायराइड ग्रंथि में बदलाव जैसे लक्षण भी नजर आने लगते हैं. यही नहीं, धड़कन का धीमा होना, पसीना ज्यादा होना, डिप्रेशन जैसी परेशानी भी हो सकती है.
हार्मोन बैलेंस करने का उपाय
- आपको एक छोटी कटोरी में फ्लैक्स सीड (flax seed) लेना है फिर उसे तवे पर अच्छे से भून लेना है. फिर मिक्सर ग्राइंडर में डालकर अच्छे से पीस लेना है. आपको तब तक पीसना है जब तक ये पाउडर ना बन जाए. अब आपको इसको एक कंटेनर में स्टोर करके रख लेना है, फिर आपको हर रोज एक गिलास पानी में एक चम्मच फ्लैक्ससीड पाउडर मिलाकर पीना है. इसके सेवन से आपको 15 दिन के अंदर अंतर नजर आने लगेगा.
- इसके अलावा आप दही, सलाद, स्मूदी, पानी और छाछ में एक चम्मच भुने और पिसे हुए अलसी के बीज मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं.
अलसी के पोषक तत्व
- अलसी के बीज ओमेगा 3 और फाइबर का अच्छा स्रोत हैं. यह प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देने और एस्ट्रोजन उत्पादन में सहायता करते हैं.
- ओमेगा-3 हार्मोन संतुलन बनाने में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है, मुख्य रूप से इसके सूजनरोधी गुणों के कारण.
सावधानियां | Instructions about alsi beej
अलसी बहुत फायदेमंद है लेकिन कभी-कभी इसके अधिक सेवन से कई दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जैसे- मतली, पेट दर्द, दस्त और कब्ज. किसी भी दुष्प्रभाव से बचने के लिए अलसी का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए और खूब पानी पीना चाहिए. कुछ मामलों में, यह आपकी आंतों को नुकसान पहुंचा सकता है. जैसे ही आपको किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव दिखे तो अलसी का सेवन बंद कर देना चाहिए. एक और बात अलसी के बीज को कच्चा कभी नहीं खाना चाहिए.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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