Diabetic Foot Wounds: शरीर में अधिक मात्रा में ग्लूकोज होने के कारण शुगर लेवल बढ़ जाता है. इससे डायबिटीज की बीमारी होती है. आज हर घर में एक डायबिटीज का मरीज है. ऐसे में इससे जुड़ी सावधानियों के बारे में भी हमे पता होना चाहिए. शुगर लेवल बढ़ने से शरीर में कई प्रकार के घाव निकलते हैं. क्योंकि ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है इसलिए कई बार इन घावों का एहसास मरीज को नहीं होता है. ऐसे में इनसे इनफैक्शन फैलने का खतरा बना रहता है. पैरों में होने वाले इस प्रकार के घाव को डायबिटिक फूट अल्सर कहते हैं. इसे ठीक करने के लिए वैसे तो दवाइयां भी मार्केट में है लेकिन आप इसका इलाज अपने घर पर भी कर सकते हैं.
ऐसे करें डायबिटिक घावों का घर पर इलाज
कैफीन का सेवन है फायदेमंदशरीर में खून का सही संचार नहीं होने से डायबिटिक घाव होते हैं. ऐसे में कैफीन रीच चीजों का सेवन बड़ा देना चाहिए. कैफीन आपके नर्व सिस्टम को बेहतर करके शरीर में खून का संचार बढ़ाता है. इससे घाव जल्दी भरने में मदद मिलती है.
ऐलोवेरा को विज्ञान और आर्युवेद में स्कीन के लिए रामबाण माना जाता है. वैसे तो इसमें कई सारे गुण पाए जाते हैं. लेकिन एंटी एंफ्लामेटरी, एनाल्जेसिक और माइक्रोबियल गुणों की भारी मात्रा होने के कारण ये आपके डायबिटिक फूट अल्सर को भी ठीक कर सकता है. इसके लिए घाव वाली जगह पर एलोवेरा जेल लगाएं.
शहद एंटी बैक्टीरियल, एंटी वायरल, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से पूरी तरह भरपूर होता हैं. ऐसे में अगर आप डायबिटिक फूट अल्सर से परेशान हैं तो शहद काफी ज्यादा असरदार हो सकता हैं. घाव वाली जगह पर शहद लगाने से इंफेक्शन का भी खतरा कम होता है.
डायबिटिक फूट अल्सर के खतरे से बचने के लिए पैरों की अच्छी और निसमित सफाई जरूरी है. रोज अपने पैरों को हल्के गुनगुने पानी से साफ करें. खाली पैर चलने से बचें.
हाई शुगर लेवल होने के कारण पैरों में हुए घाव के दर्द को कम करने के लिए और इसे ठीक करने के लिए अपने डाइट में कुछ जरूरी बदलाव करें. मैग्नीशियम रीच फूड जैसे, राजमा, पालक, केला, सोया रीच फूड जैसे, सोया मिल्क या सोयाबीन और विटामिन बी 12 रीच फूड का सेवन जरूर करें. इससे घाव को जल्दी हील होने में मदद मिलती है.
(प्रस्तुति-अंकित श्वेताभ)
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.