हिंदी दिवस पर ऐसे करें भाषण की शुरुआत, हर कोई हो जाएगा आपकी हिंदी से प्रभावित

हिंदी दिवस पर हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए भाषण व निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है. ऐसे में हम आपके लिए कुछ दमदार और सरल तरीके लेकर आए हैं, जिससे लोग आपके भाषण के मुरीद हो जाएंगे.

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Hindi diwas speech 2024 : दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जानी वाली भाषा हिंदी है. आपको बता दें कि पूरी दुनिया में लगभग 62 करोड़ लोग हिंदी में बात करते हैं. वहीं, 2011 की जनगणना के मुताबिक लगभग 53 करोड़ लोग हिंदी बोलते और लिखते हैं. बावजूद इसके आज भी समाज में हिंदी को लेकर लोगों के मन में थोड़ी सी हिचक रहती है. आज भी इंग्लिश बोलने वालों को ज्यादा तरजीह दी जाती है, उन्हें एलीट माना जाता है. पेरेंट्स भी अपने बच्चों को हिंदी माध्यम से पढ़ाने की बजाय अंग्रेजी शिक्षा देने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं. इन्हीं पहलुओं को ध्यान में रखकर हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है. इस दिन हिंदी भाषा के समृद्ध गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डाला जाता है.साथ ही हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए स्कूल, कॉलेजों व दफ्तरों में भाषण व निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है. ऐसे में हम आपके लिए हिंदी दिवस पर भाषण देने के लिए कुछ सरल तरीके लेकर आए हैं, जिससे लोग आपके भाषण के मुरीद हो जाएंगे.

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कैसे करें भाषण की शुरूआत

1- आप हिंदी दिवस पर भाषण दे रहे हैं, तो शुरूआत कोट्स के साथ करें, कुछ सुझाव यहां नीचे दिए गए हैं...

2- हिंदी दिवस पर हम सब मिलकर जश्न मनाएं, हिंदी की महत्वपूर्ण भूमिका को याद दिलाएं
मेरा मान है हिंदी, मेरी शान है हिंदी
देश की शान है हिंदी, देश की पहचान है हिंदी, क्योंकि हर भारतीय के दिल में विराजमान हैं हिंदी..

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3- जैसे रंगों के मिलने से खिलता है बसंत,
वैसे भाषाओं की मिश्री सी बोली है हिंदी

4- वक्ताओं की ताकत भाषा
लेखक का अभिमान है भाषा
भाषाओं के शीर्ष पर बैठी
मेरी प्यारी हिंदी भाषा

कोट्स बोलने के बाद आप आदरणीय प्राधानाचार्य, अध्यापकगण व मेरे प्यारे साथियों आप सभी को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं के साथ, अपने भाषण को आगे बढ़ाएं. सबसे पहले आप सभी का धन्यवाद इस अवसर पर मुझे अपने विचार व्यक्त करने का मौका दिया. हिंदी बोलना हमारे लिए गर्व की बात है.  यह भारत की अंखडता और एकता की पहचान है. आपको बता दें कि राष्ट्रीय हिंदी दिवस का इतिहास 14 सितंबर, 1949 से शुरू होता है. इस दिन, भारत की संविधान सभा ने देवनागरी लिपि को आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में अपनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था और पहला हिंदी दिवस 1953 में मनाया गया था और तब से यह हिंदी भाषा को सम्मान देने और बढ़ावा देने के लिए एक उत्सव के रूप मनाया जाने लगा.

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हिंदी देश में रहने वाले और विदेश में रहने वाले भारतीयों के दिल में बसती है. हिंदी ने भारतीय साहित्य, कला और संस्कृति को समृद्ध करने में अहम भूमिका निभाई है. कवि सूरदास, तुलसीदास, और कबीर जैसे महान रचनाकारों ने हिंदी में अपनी  रचनाएं प्रस्तुत की हैं, जो न केवल हमारे साहित्यिक धरोहर को समृद्ध करती हैं बल्कि समाज की जड़ों से भी जोड़ती है. ऐसे में इस हिंदी दिवस पर हम यह प्रण लेते हैं कि हम अपनी हिंदी को प्राथमिकता पर रखेंगे. अन्य भाषाओं की चकाचौंध में अपनी हिंदी बोली को नहीं भूलेंगे.

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