Global Day Of Parents 2024: बड़े बच्चे इस तरह माता-पिता के साथ बेहतर कर सकते हैं रिश्ता, काम आएंगे ये टिप्स

अक्सर ही बड़े होकर बच्चे अपने अलग जीवन में रम जाते हैं जिससे माता-पिता के साथ दूरियां गहराने लगती हैं. ऐसे में बस कुछ बातों को ध्यान में रखकर पैरेंट्स के साथ बच्चे अपने रिश्ते को मजबूत बनाए रख सकते हैं. 

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हर साल 1 जून के दिन मनाया जाता है ग्लोबल डे ऑफ पैरेंट्स. 

Global Day Of Parents 2024: बच्चे के जीवन में माता-पिता का जो स्थान होता है उसे कोई दूसरा व्यक्ति नहीं ले सकता. माता-पिता के प्रेम, समर्पण, त्याग और करुणा को ही समर्पित है वैश्विक माता-पिता दिवस. हर साल 1 जून के दिन ग्लोबल डे ऑफ पैरेंट्स मनाया जाता है. साल 2012 से इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई थी. वहीं, इस साल की थीम द प्रोमिस ऑफ प्लेफुल पैरेंटिंग है. बच्चों की जिंदगी में पैरेंटस एक अहम हिस्सा जरूर होते हैं, लेकिन जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते जाते हैं अपनी जिंदगी में रमना शुरू हो जाते हैं. ऐसे में अक्सर ही बच्चों और माता-पिता (Parents) के बीच दूरियां गहराने लगती हैं. एक समय वो भी आता है जब बच्चे समझ नहीं पाते कि कब पैरेंट्स के साथ रिश्ते में दिक्कतें आईं और कैसे इन दिक्कतों को दूर किया जाए. इस ग्लोबल डे ऑफ पैरेंट्स पर जानिए किस तरह बच्चे अपने माता-पिता के साथ रिलेशनशिप को सुधार सकते हैं. 

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इस तरह पैरेंट्स के साथ रिश्ते को करें बेहतर 

माता-पिता को सुनना - पैरेंट्स के पास अपने भी ढेरों किस्से और बातें होती हैं जो वे अपने बच्चों से कहना चाहते हैं, उन्हें बताना चाहते हैं. लेकिन, बच्चे अपनी व्यस्त जीवनशैली के चलते पैरेंट्स को सुनना तो दूर उनसे कुछ पल बैठकर बात करना भी सही नहीं समझते. ऐसे में बच्चों को कोशिश करनी चाहिए कि वे थोड़ा समय अपने पैरेंट्स के लिए भी निकालें और उनसे बैठकर बात करें और उनकी बात सुनें. 

अपने अहम को रखें पीछे - बढ़ती उम्र के बच्चों को दुनिया की बात चाहे कैसी लगे लेकिन अपने माता-पिता की कही बातें बुरी लगना शुरू हो जाती हैं. कई बार बच्चे पैरेंट्स पर चिल्ला भी देते हैं और यह भी कह देते हैं कि आपने हमारे लिए किया ही क्या है. इसीलिए अपने अहम या अंहकार को पीछे रखना और पैरेंट्स ने आपके लिए जो कुछ किया है और करते हैं, इन बातों को ध्यान में रखना जरूरी है. 

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माता-पिता के दृष्टिकोण को समझें - अगर आप अपने पैरेंट्स से सहमति नहीं रखते हैं तब भी उनके दृष्टिकोण को समझना जरूरी होता है. माता-पिता की सलाह सुनना, उनके विचारों को सुनना और उनके अनुभव से सीखना जरूरी है. सीधेतौर पर माता-पिता की बात को नकार देना या उनके पॉइंट ऑफ व्यू यानी दृष्टिकोण को ना समझना दूरियों (Distance) का कारण बनता है. 

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अपनी आंकाक्षाओं को रखें कम - कई बार बच्चे माता-पिता को आम इंसान की तरह नहीं सिर्फ अपने पैरेंट्स की तरह देखते हैं और उनसे बहुत सी चीजों की अपेक्षा रखते हैं. बच्चों को लगता है कि पैरेंट्स को हमेशा बच्चों को सिर्फ देना ही चाहिए, चाहे समय हो, पैसे हों या फिर अपने हिस्से की खुशियां. बच्चों को समझना चाहिए कि पैरेंट्स की अपनी भी एक जिंदगी है जिसे प्रायोरिटी बनाना गलत नहीं है.

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प्यार जताना है जरूरी - सभी बच्चे अपने माता-पिता से और माता-पिता बच्चों से प्यार करते हैं. लेकिन, अक्सर ही बच्चे बड़े होकर माता-पिता से प्यार जताने में झिझकने लगते हैं. लेकिन, पैरेंट्स को भी प्यार की जरूरत होती है, अपने बच्चों के लगाव और परवाह की दरकार होती है. पैरेंट्स को अपना समय देकर और उनकी फिक्र करके उन्हें अपना प्यार जताया जा सकता है.  

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