Uterus swelling : महिलाओं के शरीर में बच्चेदानी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. लेकिन देखा जाता है कि महिलाएं गर्भाशय या बच्चेदानी से जुड़ी हुई समस्याओं को नजर अंदाज कर देती है या यूं कहो इसे लोगों से छुपा कर रखती है, जिससे आगे जाकर उन्हें कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में अगर आप यूट्रस के दर्द (Uterus Pain) को सामान्य समझकर नजरअंदाज कर रही हैं, तो अपनी इस समस्या को गंभीर तरीके से लें, क्योंकि बच्चादानी में दर्द होने के ये तीन कारण हो सकते हैं.
अनियमित पीरियड्स
महिलाओं के यूट्रस यानी कि बच्चेदानी में दर्द का सामान्य कारण अनियमित पीरियड भी होता है. इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल चेंजेस होते हैं, जिसके कारण मूड स्विंग होता है, हैवी ब्लड फ्लो होता है, कमजोरी का एहसास होता है और कई बार पोषक तत्वों की कमी के कारण मासिक धर्म में बच्चेदानी में भी दर्द शुरू हो जाता है.
यूट्रस में सूजन
जी हां, अगर यूट्रस में लगातार दर्द बना रहता है और असहनीय दर्द होता है, तो हो सकता है कि इसका कारण गर्भाशय की सूजन या इंफेक्शन, फाइब्रॉयड, पस की समस्या हो. इसके अलावा गर्भाशय में छोटी-छोटी गांठे हो जाती हैं, जिससे महिलाओं को असहनीय दर्द होता है. ऐसे में यूट्रस में लगातार दर्द बना रहने पर आपको तुरंत डॉक्टर से जांच करवा कर सोनोग्राफी करवानी चाहिए.
एंडोमेट्रियोसिस
एंडोमेट्रियोसिस आजकल एक ऐसी गंभीर बीमारी हो गई है, जो महिलाओं को बुरी तरह से प्रभावित करती है. इसमें यूट्रस के अंदर बनने वाली एंडोमेट्रियम लाइनिंग गर्भाशय से निकलकर शरीर के अन्य अंगों जैसे ओवरी और फैलोपियन ट्यूब में पहुंचकर सिस्ट का रूप ले लेती है, जिसे चॉकलेट सिस्ट भी कहा जाता है. गर्भाशय में लगातार दर्द बने रहना भी एंडोमेट्रोसिस का एक कारण हो सकता है.
गर्भाशय में दर्द होने के अन्य कारण
गर्भाशय में दर्द होने के कई और कारण भी हो सकते हैं, जैसे लगातार गर्भाशय में दर्द बने रहना इनफर्टिलिटी के कारण भी हो सकता है. इसके अलावा एलर्जिक दवाओं का सेवन करने से भी गर्भाशय में इसके साइड इफेक्ट होते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.