Frequent Urination: बार-बार पेशाब आने लगता है तो सबसे पहले दिमाग में एक ही ख्याल आता है कि शायद हम ज्यादा पानी पी रहे हैं और पानी पीना कम कर देने पर पेशाब आने की दर भी कम होती जाएगी. लेकिन, पर्याप्त मात्रा में पानी ना पीने पर भी पेशाब बार-बार आने लगे (Baar Baar Peshab Aana) तो क्या किया जाए? असल में अगर व्यक्ति दिन में 7-8 बार से ज्यादा बार पेशाब करने जा रहा है तो इसे बार-बार पेशाब आने की दिक्कत कहा जा सकता है. इसके अलावा हर घंटे पेशाब आने का मतलब है सामान्य से ज्यादा पेशाब आना. लेकिन, इस बार-बार पेशाब आने की दिक्कत क्यों होती है और कब डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, जानिए यहां.
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क्यों आता है बार-बार पेशाब | Frequent Urination Causes | Baar Baar Peshab Aane Ke Karan
डायबिटीज - अगर किसी को डायबिटीज है तो इसके कारण भी बार-बार पेशाब आ सकता है. टाइप-1 टाइप-2 डायबिटीज में रक्त में एक्सेसिव ग्लूकोज आ जाता है जिससे शरीर में एक्स्ट्रा फ्लुइड भी जमा होने लगता है और पेशाब के माध्यम से बाहर निकलता है. इससे बार-बार पेशाब आन लगता है.
प्रेग्नेंसी - प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं का ब्लैडर बच्चे की वजह से दब जाता है जिससे बार-बार पेशाब आने लगता है. यह दिक्कत ज्यादातर दूसरी और तीसरी तिमाही के बाद होती है.
यूरिनरी ट्रैक्ट और ब्लैडर से जुड़ी दिक्कतें - यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने पर या ब्लैडर से जुड़ी सममस्या होने पर जैसे ब्लैडर सिंड्रोम, यूरेथरल ऑपनिंग स्टेनॉसिस या इंटरस्टिशियल सिस्टाइटिस होने पर बार-बार पेशाब आने लगता है.
प्रोस्टेट कंडीशंस - बढ़े हुए प्रोस्टेट के कारण पेशाब के बाहर निकलने में प्रतिरोध बढ़ जाता है, जिससे बार-बार पेशाब आता है.
कैफीन का सेवन - दिनभर में अगर जरूरत से ज्यादा कॉफी (Coffee) या चाय पी जाए तो इससे भी बार-बार पेशाब आने लगता है.
एंजाइटी - बार-बार पेशाब आने के कम पॉपुलर कारणों में से एक है एंजाइटी. जिन लोगों को एंजाइटी की दिक्कत होती है उन्हें इस समस्या से दोचार होना पड़ सकता है.
कब लेनी चाहिए डॉक्टर की सलाह | When To Consult A Doctor- बार-बार पेशाब आने के साथ ही अगर मूत्राशय में दर्द महसूस होता है तो डॉक्टर से तुरंत परामर्श लेना चाहिए.
- उल्टी महसूस होना, कंपकंपी होना और बीमार महसूस करना.
- अगर बहुत ज्यादा प्यास लगे, भूख बढ़ जाए, कमजोरी महसूस हो और अचानक वजन कम होने लगे.
- अगर आप प्रेग्नेंट नहीं हैं या डायबिटीज नहीं है और फिर भी बार-बार पेशाब आने की दिक्कत से परेशान हैं.
- अगर पेशाब में रक्त (Blood In Urine) नजर आए या फिर झाग बनने लगे.
- जरूरत से ज्यादा एल्कोहल और कैफीन वाली ड्रिंक्स का सेवन ना करें.
- रात में सोने से पहले बहुत ज्यादा पानी या बेवरेजेस पीकर ना सोएं.
- पेल्विक एरिया की मसल्स को मजबूत बनाने के लिए एक्सरसाइज की जा सकती है.
पेशाब का रंग कई बीमारियों का संकेत हो सकता है. इसीलिए बार-बार पेशाब आने की दिक्कत के साथ ही अपने पेशाब के रंग को देखें और पहचानें कि यह किसी बीमारी का संकेत तो नहीं है.
साफ पेशाब - साफ क्लियर पेशाब का मतलब है कि व्यक्ति बहुत ज्यादा पानी पी रहा है.
हल्का पीला पेशाब - हल्का पीला पेशाब (Yellow Urine) अच्छी सेहत का संकेत है.
इसका मतलब है कि व्यक्ति पर्याप्त मात्रा में पानी पी रहा है.
गहरा पीला पेशाब - पेशाब का रंग यदि गहरा पीले रंग का हो तो इसका मतलब है कि व्यक्ति पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पी रहा है.
संतरी पेशाब - संतरी रंग के पेशाब से पता चलता है कि कुछ विटामिन या मेडिकेशन पेशाब का रंग संतरी कर रहे हैं.
डार्क संतरी या ब्राउन पेशाब - पेशाब के इस रंग का मतलब है कि व्यक्ति पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पी रहा या शरीर में पर्याप्त पानी नहीं है. यह लिवर की दिक्कतों का संकेत हो सकता है.
डार्क ब्राउन या काला पेशाब - अगर व्यक्ति का पेशाब डार्क ब्राउन या काले रंग का है तो यह किसी मेडिकल कंडीशन का संकेत है.
गुलाबी या लाल - इस रंग का पेशाब इस बात की ओर इशारा करता है कि पेशाब में रक्त आ रहा है. यह मेडिकेशन, खानपान या चुकुंदर के ज्यादा सेवन से भी हो सकता है.
नीला या हरा - मेडिकेशन में डाई होने के कारण पेशाब का रंग इस तरह का दिख सकता है.
अगर पेशाब में झाग बन रहा है या झागदार पेशाब आ रहा है तो इसका मतलब यूरनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन हो सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.