फैटी लीवर से क्‍या परेशानी होती है? जान गए तो तुरंत खाना छोड़ देंगे ये जहरीली चीजें

फैटी लिवर को समय रहते सही किया जा सकता है. अगर सही खान-पान और आदतें अपनाई जाएं तो लिवर 90 दिनों में खुद को रिपेयर करना शुरू कर देता है. यहां 7 जरूरी बदलाव बताए जा रहे हैं. जो लिवर को स्वस्थ बनाने में मदद करेंगे.

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बस ये चीजें खाएं और पाएं फैटी लीवर से हमेशा के ल‍िए छुटकारा.

How To Reverse Fatty Liver: लिवर हमारे शरीर का चुपचाप काम करने वाला ऑर्गन है. खानपान की आदतें अच्छी हों तो लिवर कम ही तकलीफ देता है. लेकिन फैटी लिवर होने पर मुश्किल बढ़ जाती है और फैटी लिवर की शिकायत तक हो सकती है. पहले फैटी लिवर (Fatty Liver Kya Hota Hai) को शराब और मोटापे से जोड़कर देखा जाता था. लेकिन अब ये उन लोगों में भी तेजी से बढ़ रहा है जो न तो शराब पीते हैं और न ही ज़्यादा खाते हैं. असली वजह है हमारी रोजमर्रा की डाइट (Diet In Fatty Liver), जिसमें ऐसे फूड शामिल हैं जो लिवर पर बोझ डालते हैं और उसे जरूरी पोषण से वंचित कर देते हैं.
अच्छी बात ये है कि फैटी लिवर को समय रहते सही किया जा सकता है. अगर सही खान-पान और आदतें अपनाई जाएं तो लिवर 90 दिनों में खुद को रिपेयर करना शुरू कर देता है. यहां 7 जरूरी बदलाव बताए जा रहे हैं. जो लिवर को स्वस्थ बनाने में मदद करेंगे.

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 फैटी लीवर को कैसे रिवर्स करें | How to Reverse Fatty Liver

1. शुगर से दोस्ती कम करें (Cut Down on Sugar)


अक्सर हम सोचते हैं कि चीनी सिर्फ मोटापा बढ़ाती है, लेकिन सच्चाई ये है कि शुगर, खासकर फ्रक्टोज सीधे लिवर में फैट बनकर जमा हो जाती है. आप पतले हों तब भी. पैकेज्ड जूस, फ्लेवर्ड योगर्ट, एनर्जी बार और हेल्दी सिरप – ये सब लिवर पर अतिरिक्त बोझ डालते हैं.
बेहतर होगा कि आप जूस और प्रोसेस्ड स्नैक्स छोड़ें और उनकी जगह साबुत फल खाएं, क्योंकि उनमें फाइबर भी मौजूद होता है.

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2. फाइबर को रोज़ाना का हिस्सा बनाएं (Make Fiber a Daily Habit)


अक्सर लोग मानते हैं कि फाइबर सिर्फ पाचन में मदद करता है. जबकि इसका रोल इससे कहीं ज़्यादा है. फाइबर इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाता है, सूजन कम करता है और हार्मोन को बैलेंस करता है. ये सब फैटी लिवर को रिवर्स करने में अहम हैं.
चिया सीड्स, अलसी, चने, दालें और ब्रोकोली जैसे क्रूसिफेरस वेजिटेबल लिवर के लिए ढाल का काम करते हैं.

3. अच्छे फैट को पहचानें (Choose Healthy Fats)


फैटी लिवर का मतलब ये नहीं कि हर तरह की चर्बी से बचा जाए. असल में कुछ फैट जैसे ओमेगा-3 बहुत फायदेमंद होते हैं. ये लिवर में फैट जमा होने से रोकते हैं और सूजन कम करते हैं.
इसके लिए मछली, अखरोट और फ्लैक्ससीड ऑयल डाइट में शामिल करें. साथ ही प्रोसेस्ड ऑयल से बचें क्योंकि उनमें ओमेगा-6 ज़्यादा होता है जो लिवर के लिए हानिकारक है.


4. पॉलिफेनॉल तत्व के फायदे (Benefits of Polyphenols)
पॉलीफेनॉल्स पौधों में पाए जाने वाले खास तत्व हैं जो शरीर को एंटीऑक्सीडेंट देते हैं. ये सिर्फ स्किन या एंटी एजिंग के लिए नहीं, बल्कि लिवर के लिए भी बहुत जरूरी हैं. अनार, हल्दी (काली मिर्च के साथ), बेरीज़, ग्रीन टी (मैचा) और ऑलिव ऑयल. ये सभी लिवर के अंदर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम करते हैं और उसे बेहतर तरीके से डिटॉक्स करने में मदद करते हैं.

5. नींद का ख्याल रखें (Take Good Sleep)
नींद की कमी सिर्फ थकान ही नहीं लाती, बल्कि लिवर में फैट जमा करने की प्रक्रिया को भी तेज करती है. जो लोग देर रात तक जागते हैं और पूरी नींद नहीं लेते. उनमें फैटी लिवर का खतरा बढ़ जाता है.
इसलिए रोज 7-8 घंटे की गहरी नींद लेना लिवर हेल्थ के लिए बेहद जरूरी है.

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6. समय पर भोजन करें (Eat On Time)
कई लोग सोचते हैं कि देर रात खाना सिर्फ वजन बढ़ाता है. लेकिन असल में देर से खाना लिवर के हीलिंग प्रोसेस में बाधा डालता है. लिवर रात में खुद को रिपेयर करता है. यदि आप देर रात स्नैक्स खाते हैं तो लिवर को पचाने का काम करना पड़ता है. कोशिश करें कि सोने से 2-3 घंटे पहले ही खाना खत्म कर लें. इससे लिवर स्टोर फैट को जलाने में सक्षम होता है.

7. पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड से दूरी (Avoid Packaged & Processed Foods)
लो-फैट या डाइट लिखे पैकेज्ड प्रोडक्ट हमेशा हेल्दी नहीं होते. इनमें रिफाइंड कार्ब्स, ट्रांस फैट और एडिटिव्स होते हैं. जो चुपचाप लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं. इसके बजाय घर का बना खाना, भुने हुए चने, मेवे या ताजे फल खाएं. ये लिवर को असली पोषण देंगे.

क्यों ज़रूरी है फैटी लिवर को रिवर्स करना? (Why it is important to reverse fatty liver)
शुरुआती दौर में फैटी लिवर अक्सर साइलेंट होता है और लाइफस्टाइल बदलकर ठीक किया जा सकता है. लेकिन अगर इसे अनदेखा किया जाए तो ये सूजन (फाइब्रोसिस) और फिर लिवर की स्कारिंग (सिरॉसिस) तक पहुंच सकता है. सिरॉसिस में लिवर इतना खराब हो जाता है कि वो काम करना बंद कर देता है. कई बार ट्रांसप्लांट ही आखिरी विकल्प बचता है.

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