Father's day 2024 : ''फादर्स डे'' हर साल पिता और बच्चों के बीच के बॉन्ड को दर्शाने के लिए मनाया जाता है. वैसे तो पिता का प्यार किसी एक दिन के जश्न का मोहताज नहीं है, लेकिन यह दिन दुनिया भर में उन सभी सुपर डैड्स को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है, जो अपने बच्चों की खुशी को हर चीज से ऊपर रखते हैं. ऐसे में बच्चे इस दिन को पापा के लिए खास बनाने के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाते हैं. कोई उन्हें ट्रिप पर ले जाता है तो कोई उनकी मनपसंदीदा चीज गिफ्ट करता है. लेकिन इस साल आप अपने पापा की सेहत का ख्याल रखकर उनको स्पेशल फील करवा सकते हैं. हम आपको यहां पर 5 ऐसे मेडिकल टेस्ट के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे आपको डैड का जरूर कराना चाहिए, तो चलिए आइए जानते हैं
पापा के लिए 5 जरूरी मेडिकल टेस्ट
PSA (Prostate-specific antigen ) टेस्टPSA परीक्षण एक रक्त परीक्षण है जो रक्त के नमूने में प्रोस्टेट द्वारा बनाए गए प्रोटीन PSA के स्तर को मापता है. हाई लेवल PSA प्रोस्टेट कैंसर के कारण हो सकता है. वर्ल्ड जर्नल ऑफ़ ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित 2019 के एक शोध के अनुसार प्रोस्टेट कैंसर, दुनिया में पुरुषों में होने वाली दूसरी सबसे आम बीमारी है, जो पुरुषों में कैंसर के कारण होने वाली सभी मौतों में से 3.8 प्रतिशत जिम्मेदार है. इसलिए यह परिक्षण 50 की उम्र के बाद जरूरी है क्योंकि बढ़ती उम्र में इसका खतरा बढ़ जाता है.
50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए, उच्च रक्तचाप या उच्च रक्तचाप खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इससे कोरोनरी धमनी रोग विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है. विशेषज्ञ का कहना है कि इससे दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थिति पैदा हो सकती है.
यह एक सिंपल ब्लड टेस्ट है जो ब्लड में लिपिड-प्रोटीन या कोलेस्ट्रॉल की मात्रा निर्धारित करने में मदद करता है. अगर कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई है, तो इससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ सकता है. इसलिए कोलेस्ट्रॉल का टेस्ट हर पांच साल में करवाना चाहिए.
अगर आपके पिता को मधुमेह से पीड़ित हैं तो उनका डायबिटीज टेस्ट समय समय पर जरूर करवाएं. विशेषज्ञ कहते हैं कि एक और महत्वपूर्ण मधुमेह और प्रीडायबिटीज परीक्षण HbA1c परीक्षण है, जो रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा को मापता है जो ग्लूकोज से जुड़ा होता है.
जैसे-जैसे लोग 50 की उम्र पार करते हैं, नियमित आंखों की जांच और भी जरूरी हो जाती है. अगर आपके पिता चश्मा पहनते हैं, तो बेहतर होगा कि आप जांच करवा लीजिए. ऐसी जांचें मोतियाबिंद और ग्लूकोमा जैसी अन्य आंखों की समस्याओं का पता लगा सकती हैं, जो उम्र बढ़ने के साथ विकसित होने लगती हैं.
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