Epilepsy In Children's: मिर्गी (Epilepsy) की बीमारी ब्रेन से जुड़ी परेशानी है. बच्चों (Children) में मिर्गी (Children) की बीमारी चिंता का विषय है. इसका समय पर उपचार नहीं होने पर भविष्य में कई तरह समस्याएं और जटिलताएं हो सकती हैं जिनसे सेहत बिगड़ने का खतरा रहता है. बच्चों में मिर्गी (Epilepsy in Children) के कारण उन्हें बार बार दौरे पड़ते है जिनसे उनके विकास पर प्रभाव पड़ने लगता है. असइए जानते हैं बच्चों में मिर्गी के कारण और उनक उपचार के बारे में ….
मिर्गी क्या है
मिर्गी एक ऐसी बीमारी है जिसकी वजह से कई बारा रोजमर्रा के काम तक करने में परेशानी होती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक मिर्गी मस्तिष्क की नसों से संबंधित एक बीमारी है. यह नर्वस सिस्टम का सबसे कॉमन विकार है जो हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है. मिर्गी में दौरे पड़ते हैं और यह बीमारी बड़ों ही नहीं बल्कि बच्चों में भी हो सकती है. आज हम आपको बता रहे हैं कि बच्चों में मिर्गी के लक्षण, कारण और इलाज के क्या विकल्प हो सकते .
बच्चों में मिर्गी के लक्षण (symptoms of Epilepsy in Children)
- बेहोश होना या आंशिक रूप से होश में रहना
- बॉडी का अकड़ जाना
- अचानक कांपने लगना
- बॉडी का अजीब तरह से हिलना
- सेंसिटिविटी बढ़ना
- देखने और सुनने की क्षमता में कमी
बच्चों में मिर्गी के कारण (Causes of Epilepsy in Children)
कई कारणों से मिर्गी के दौरे पड़ सकते हैं इनमें ब्रेन में सिग्नल भेजने वाले न्यूरोट्रांसमीटर्स में असंतुलन, ब्रेन ट्यूमर, किसी बीमारी या चोट की वजह से ब्रेन का डैमेज होना शामिल है. कभी कभी दो कारण भी हो सकते हैं.
मिर्गी का उपचार
बच्चों में मिर्गी के लक्षण दिखाई पड़ने पर तुरंत विशेषज्ञों से सलाह लेनी चाहिए. समय पर उपचार शुरू होने से मिर्ची की समस्या समाप्त हो सकती है. मिर्गी के दौरे के कारण की पहचान के अनुसार डॉक्टर दवाएं लेने की सलाह दे सकते हैं.
मिर्गी के बारे में गलत धारणाएं
कभी कभी मिर्ची के दौरों को लोग देवी देवता के क्रोध या देवी देवता के प्रकट होने से जोड़ते हैं. खासकर ग्रामीण इलाके में इस तरह की घटनाएं सामने आती है. ऐसे में लोग पूजा पाठ या झाड़फूंक का सहारा लेते हैख् जो बच्चों की सेहत लिए खतरनाक साबित हो सकता है.