मेनोपॉज को रोकना है मुश्किल, इसे झेलने की बजाय इसकी तकलीफ को कम करेंगे ये उपाय

Menopause Symptoms and Management: मेनोपॉज लाइफ का वो कुदरती दौर है जो लगभग हर महिला को फेस करना पड़ता है. इसके लक्षणों को पहचान कर इसका मुकाबला करना चाहिए ताकि उनकी दिक्कतें कम हो सकें.

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Menopause Symptoms and Management: मेनोपॉज महिलाओं की लाइफ में आने वाली एक सामान्य प्रोसेस है जिससे हर महिला को दो चार होना ही पड़ता है. मेनोपॉज ग्रीक शब्द है जिसका अर्थ है मेनो अर्थात महीना और पॉज अर्थात ठहराव यानी महीने में होने वाली प्रोसेस में ठहराव  (how to manage menopause Period) आना.  मेनोपॉज उम्र का वो दौर है जब शरीर में रिप्रोडक्शन के लिए जिम्मेदार एस्ट्रोजन बनना कम हो जाता है और मेंस्ट्रुअल पीरियड बंद हो जाते हैं. हर महीने होने वाले मेंस्ट्रुअल पीरियड के खत्म होने की प्रोसेस ही मेनोपॉज कहलाती है. महिलाओं के जीवन में 40  साल के बाद मेनोपॉज का दौर आता है जो कई साल तक चलता है. महिलाओं के लिए उम्र का ये दौर काफी तकलीफों भरा होता है क्योंकि इस दौरान उनके अंदर कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव आते हैं. देखा जाए तो ये ऐसी कुदरती प्रोसेस (how to manage menopause symptoms) है जिसे रोका या बंद नहीं किया जा सकता है. लेकिन कुछ तरीकों को फॉलो करके इसके दर्द और तकलीफ को कम जरूर किया जा सकता है.चलिए आज जानते हैं कि मेनोपॉज के दौरान शरीर में क्या क्या बदलाव आते हैं और किन तरीकों की मदद से मेनोपॉज की दिक्कतों को कम (Easy  way to manage menopause naturally) किया जा सकता है.

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मेनोपॉज के दौरान लाइफ में आती हैं ये दिक्कतें  (Symptoms and Problem Related to Menopause)



मेनोपॉज का पूरा दौर 40 से 50 साल के बीच चलता है. इससे पहले पेरिमेनोपॉज आता है मेनोपॉज की शुरुआत का संकेत है कि अब मेनोपॉज का दौर शुरू हो रहा है. इस दौरान शरीर में कई तरह के लक्षण दिखते हैं. इन लक्षणों में पीरियड्स का अनियमित होना शामिल है. कभी पीरियड्स समय से पहले तो कभी समय के बाद आते हैं. कभी एक ही महीने में दो बार पीरियड्स आते हैं तो की दो महीनों में एक बार ही पीरियड्स आते हैं. पीरियड्स में ब्लीडिंग भी कभी ज्यादा तो कभी कम होने लगती है. ऐसे में महिलाएं इस बदलाव से तनाव में आ जाती हैं और उनकी चिड़चिड़ाहट बढ़ जाती है. ज्यादा पीरियड की वजह से महिलाओं को इस दौरान ब्लड लॉस भी होता है जिसकी वजह से खून की कमी हो जाती है.इसके अलावा प्राइवेट पार्ट में सूखापन और खुजली, बालों का कमजोर होना और झड़ना, ब्रेस्ट का ढीला पड़ जाना, यौन संबंधों की इच्छा कम होना, जोड़ों में दर्द, अनियमित हार्ट बीट, हड्डियों का कमजोर होना. वजन का बढ़ना, त्वचा की लोच कम होना जैसी दिक्कतें भी सामने आती हैं. इसके अलावा कई तरह के मानसिक बदलाव जैसे मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन, उदासी, हॉट फ्लेशेज, डिप्रेशन आदि भी दिखाई देते हैं.

इन तरीकों से कम होंगी मेनोपॉज की मुश्किलें  (Follow These Rules for Reduce Menopause Problems)

कुछ खास तरीके अपनाकर आप मेनोपॉज की तमाम दिक्कतों को कम कर सकते हैं. इसके लिए जरूरी है कि हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो किया जाए.

1. नियमित रूप से एक्सरसाइज करें और वेट कंट्रोल करने की कोशिश करें.
2. शराब और सिगरेट की लत है तो इसे छोड़ दें. ये दोनों ही मेनोपॉज की तकलीफों को बढ़ाते हैं.
3. पैकेट बंद और प्रोसेस्ड फूड का सेवन करना कम करें.
4. तनाव से दूर रहने की कोशिश करें, अपनी हॉबी पर फोकस करें.
5.रोज सात से आठ घंटे की नींद जरूर लें.
6. शरीर को हेल्दी रखने के लिए तला भुना और कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन कम करें.
7. शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी न होने दें.
8 . दूध और सोयाबीन से बने फूड्स का सेवन करें.
9 . अपनी डाइट में पोषक तत्वों की कमी पूरी करने के लिए फल और सब्जियों का सेवन करें
10 . अपनी डाइट में मौसमी फलों जैसे, संतरा, पपीता, अंगूर, तरबूज और केले का सेवन करें.
11. डाइट में हरी और पत्तेदार सब्जियों का इनटेक बढ़ाएं, जैसे पालक, मेथी,बथुआ.
12. डाइट में खीरा, ककड़ी, गाजर चुकंदर और टमाटर जैसी सब्जियों का सेवन करें.
13. हर रोज बादाम और अखरोट का सेवन करें. इससे शरीर को जरूरी जिंक और मैग्नीशियम प्राप्त होगा.
14. ड्राई फ्रूट्स के अलावा आप सीड्स भी खा सकते हैं,जैसे चिया सीड्स, फ्लैक्स सीड, पंपकिन सीड्स आदि.
15. रोज कुछ मिनट धूप जरूर लीजिए. इससे शरीर में विटामिन डी की कमी पूरी होगी.  

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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