अपने बच्चे की करें पांडा पेरेंटिंग, यह आपके बच्चे के भविष्य के लिए है अच्छा

Parenting tips : पांडा पेरेंटिंग एक प्यार, देखभाल और समझ पर आधारित पेरेंटिंग स्टाइल है जो बच्चों को मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से मजबूत बनाता है.

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Panda parenting tips : इस पेरेंटिंग स्टाइल में बच्चे को अपनी बात रखने की पूरी आजादी होती है.

Panda parenting : आप चाहते हैं कि आपके बच्चे को एक बेहतर भविष्य मिले तो आप उसकी परवरिश में पांडा पेरेंटिंग अपनाएं. यह पेरेंटिंग स्टाइल बच्चों की शारीरिक, मानसिक (mental health) और भावनात्मक जरूरतों को ध्यान में रखता है और उन्हें एक सुरक्षित और खुशहाल माहौल में बड़ा करने का प्रयास करता है.ऐसे में आइए जानते हैं क्या है पांडा पेरेंटिंग (What is Panda parenting style and their benefits) और इसके क्या हैं फायदे. 

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क्या है पांडा पेरेंटिंग - what is panda parenting

पांडा पेरेंटिंग में माता पिता बच्चों को अनुशासन में रखने के साथ उन्हें अपने फैसले खुद लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. इस पेरेंटिंग में बच्चे जहां भी रास्ता भटकते हैं माता-पिता उनकी मदद के लिए मौजूद होते हैं. 

पांडा पेरेंटिंग के क्या हैं फायदे - What are the benefits of panda parenting

पांडा पेरेंटिंग में बच्चे स्वतंत्र रूप से अपने फैसले ले सकते हैं. इससे बच्चे में चिड़चिड़ापन औऱ दबाव की भावना नहीं आती है. बच्चा अपने इमोशंस खुद हैंडल करना सीखता है. 

आत्मविश्वास बढ़ता है - Boost confidence

इस पेरेंटिंग स्टाइल में बच्चे को अपनी बात रखने की पूरी आजादी होती है. अपनी बात रखने में उसे जरा सी भी हिचकिचाहट महसूस नहीं होती है. 

माता-पिता के साथ बॉन्ड होता है अच्छा -  good bond with parents

इस पेरेंटिंग में बच्चों का अपने माता-पिता के साथ अच्छा बॉन्ड होता है. इसमें माता-पिता अपने इच्छाएं बच्चों पर नहीं थोपते हैं. दोनों के बीच बॉन्ड अच्छा होता है.  इसमें बच्चे को सेल्फ मोटिवेशन मिलता है. जो उन्हें जीवन में सफल बनाती है. 

कैसे अपनाएं पांडा पेरेंटिंग - How to adopt panda parenting

  • बच्चे की परवरिश में धैर्य रखना बहुत जरूरी है. इस पेरेंटिंग स्टाइल में बच्चे को समय दीजिए, उनकी भावनाओं और विचारों को समझना जरूरी है.

  • यही नहीं बच्चों से खुलकर बात करें और उनके विचारों और भावनाओं को महत्व दीजिए. 
  • बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं.  उनके साथ गेम में पार्टीसिपेट करें, पढ़ाई और अन्य गतिविधियों में भाग लीजिए. इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा.
  • बच्चों को उनके अच्छे काम करने पर प्रशंसा करें.अगर क्लास में उसने अच्छा परफार्म किया है तो उसे और अच्छा करने के लिए मोटिवेट करें.
  • बच्चों को उनकी उम्र और समझ के हिसाब से छोटी-छोटी जिम्मेदार दीजिए. इससे बच्चा आपका शार्प होगा. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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