छठ पूजा पर घूमने के लिए 7 सबसे खूबसूरत घाट, जहां दिखती है आस्था और उत्सव की अद्भुत झलक

इस बार छठ पूजा का पर्व 25 से 28 अक्टूबर तक मनाया जाएगा. इस दौरान श्रद्धालु घाटों पर निर्जला व्रत रखकर सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं. अगर आप इस अनोखी आस्था को करीब से देखना चाहते हैं, तो 7 सबसे फेमस घाट जा सकते हैं.

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छठ पर इन घाटों पर जरूर जाएं.

Chhath Puja Famous Ghats: छठ पूजा सिर्फ धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और आस्था का अटूट संगम है. सूर्य देव और माता उषा (छठी मैया) को समर्पित यह पर्व समृद्धि, स्वास्थ्य और परिवार की खुशहाली की कामना के लिए मनाया जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार, सूर्य देव को अर्घ्य देने से जीवन में संतुलन, सफलता और संतान की प्राप्ति होती है. यही कारण है कि यह पर्व बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और देश के अलग-अलग हिस्सों में इसे भव्य रूप से मनाया जाता है. चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में भक्त 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते हैं. हर अर्घ्य के साथ गूंजते छठ गीत, दीपों की जगमगाहट और घाटों की रौनक इस पर्व को और भी खास बना देती है. इस बार छठ पर्व 25 अक्टूबर नहाय खाय से शुरू होगा और उषा अर्घ्य के साथ 28 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा. ऐसे में अगर आप इस पर्व का अद्भुत नजारा देखना चाहते हैं तो देश के 7 फेमस घाट पर घूमने जा सकते हैं.

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पटना, छठ की राजधानी (Patna)

बिहार की राजधानी पटना को छठ पूजा की आत्मा कहा जाता है. यहां के पटलिपुत्र घाट, दीघा घाट और कंगन घाट पर लाखों श्रद्धालु जमा होकर गंगा में डुबकी लगाते हैं और सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं. अगर आप यहां आ रहे हैं, तो घाटों के पास वाले बजट-फ्रेंडली होटलों में पहले से बुकिंग कर लें.

वाराणसी (Varanasi)

गंगा तट पर बसे वाराणसी के घाटों पर छठ पूजा का नजारा किसी आध्यात्मिक अनुभव से कम नहीं. अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट और केदार घाट पर महिलाएं सूर्योदय के साथ अर्घ्य देकर आशीर्वाद मांगती हैं. सुबह 4 बजे तक घाट पर पहुंचें ताकि आरती और सूर्योदय दोनों का अद्भुत संगम देख सकें.

प्रयागराज (Prayagraj)

जहां गंगा, यमुना और सरस्वती मिलती हैं, वहां छठ की भव्यता देखते ही बनती है. संगम तट और सरस्वती घाट पर हजारों भक्त व्रत रखकर गीतों और आरती के बीच सूर्य देव की पूजा करते हैं. अगर आप छठ पर्व का असली सांस्कृतिक संगम देखना चाहते हैं, तो प्रयागराज आपके ट्रैवल लिस्ट में जरूर होना चाहिए.

दिल्ली-NCR (Delhi NCR)

दिल्ली और नोएडा में रहने वाले उत्तर भारतीय श्रद्धालु यमुना किनारे कृत्रिम घाट बनाकर पूजा करते हैं. कलिंदी कुंज, ओखला, निगमबोध घाट और ITO पर प्रशासन विशेष इंतजाम करता है. पास के होटलों में ठहरकर शाम के अर्घ्य का दिव्य नजारा देख सकते हैं.

Photo Credit: ANI

कोलकाता (Kolkata)

कोलकाता में हुगली नदी के घाटों पर छठ पूजा का विशेष आयोजन होता है. कस्बा, पटुली, बागहाजरा और लेक टाउन-श्रीभूमि इलाकों में जलाशयों को सजाया जाता है. अगर आप कोलकाता जा रहे हैं तो पूजा के साथ कोलकाता के फूड फेस्ट और लोकल मार्केट एक्सप्लोर जरूर करें.

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जमशेदपुर (Jamshedpur)

यहां की सुबर्णरेखा और खरकई नदी के घाटों पर बड़ी संख्या में लोग अर्घ्य देने आते हैं. मंगो, बागबेड़ा और सिदगोड़ा घाट की सजावट और भीड़ देखते ही बनती है. यहां के स्थानीय छठ गीतों और लोकनृत्य को एंजॉय कर सकते हैं.

मुंबई (Mumbai)

उत्तर भारतीय प्रवासियों के कारण मुंबई में छठ पूजा एक विशाल आयोजन बन चुका है. जुहू बीच, वर्सोवा बीच, पवई झील, दादर चौपाटी और कुर्ला अक्सा बीच को रोशनी और भक्ति से सजाया जाता है. अगर आप मुंबई में हैं, तो जुहू बीच पर छठ की शाम एक बार जरूर देखें. ये पल जिंदगीभर याद रहेंगे.

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