पान के पत्ते शरीर में Purine को पचाने में मदद करते हैं और गैस्ट्रिक अल्सर को सही करने के भी काम आता है.
Paan ke patte ke fayde : पान के पत्ते को माउथ फ्रेशनर (mouth freshener) के रूप में जाना जाता है. इसको खाने से शरीर में जमे विषैले पदार्थ बाहर निकल आते हैं. यह आपके मुंह को तरोताजगी तो देता ही है साथ में कई सेहत संबंधी परेशानियों से भी निजात दिलाता है. जिसमें से एक है यूरिक एसिड (uric acid). यह बीमारी बहुत तेजी से बढ़ रही है. इसकी चपेट में हर आयु वर्ग के लोग आ रहे हैं. ऐसे में यह पत्ता कैसे आपके शरीर में यूरिक लेवल को बैलेंस करेगा चलिए जानते हैं.
पान के पत्ते से कैसे करें यूरिक एसिड को कंट्रोल | How to control uric acid with betel leaf
- पान के पत्ते शरीर में प्यूरिन को पचाने में मदद करते हैं, आपको बता दें कि पान के पत्ते गैस्ट्रिक अल्सर को सही करने के भी काम आता है.
- आपको बता दें कि पान का डिटॉक्सिफाइंग गुण शरीर में जमे विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है. जो लोग यूरिक एसिड से पीड़ित हैं वो इसका शरबत पी सकते हैं या तो पत्ते को चबाकर स्वास्थ्य लाभ उठा सकते हैं.
- पान के पत्तों का इस्तेमाल पुराने समय में बुखार, सर्दी, सीने में जकड़न औस सांस संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने में किया जाता रहा है. जिन्हें सांस की समस्या है वो लोग पान के पत्तों के साथ लौंग पानी में उबालकर अच्छे से पी लें. इससे उन्हें काफी हद तक लाभ मिलेगा.
- कुछ माएं अपने बच्चों को दूध नहीं पिला पाती हैं जिसके कारण उनके स्तनों में सूजन हो जाती है ऐसे में पान के पत्तों को गरम करके ब्रेस्ट पर रखकर बांध लें. इससे राहत मिलेगी स्वेलिंग में.
- सिरदर्द होना आम बात है लेकिन कुछ लोगों को बहुत ज्यादा होता है. ऐसे में उन लोगों को पान के पत्तों को भीगाकर सिर पर रखने से तुरंत राहत मिलेगी. इसके अलावा आप पान का तेल भी उपयोग में ला सकती हैं.
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