इस सर्दी उत्तराखंड में बसा मुनस्यारी हिल स्टेशन की बनाइए ट्रिप, कश्मीर जितना है खूबसरती

Hill station : यहां पर आप कम कठिन वाले रास्तों पर ट्रैकिंग करने का भी आनंद उठा सकते हैं. यहां पर आप बर्फबारी का भी आनंद उठा सकते हैं. इसके अलावा और क्या है इस हिल स्टेशन में खास आइए जानते हैं. 

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नारायण आश्रम (NARAYAN ASHRAM) - वर्ष 1936 में नारायण स्वामी द्वारा स्थापित, जो 2,734 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है,

Uttrakhand hill station : उत्तराखंड के मुनस्यारी हिल स्टेशन की तुलना कश्मीर से की जाती है. यह हिल स्टेशन 2298 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यहां से पंचाचूली चोटियों का मनमोहक दृश्य दिखाई देता है, जिसमें नंदा देवी और नंदाकोट शामिल हैं. प्रकृति प्रेमियों के लिए तो यह हिल स्टेशन है ही, मुनस्यारी उन लोगों के लिए भी है जो कुमाऊं की पहाड़ियों में कुछ रोमांच की तलाश में हैं. यहां पर आप कम कठिन वाले रास्तों पर ट्रैकिंग करने का भी आनंद उठा सकते हैं. यहां पर आप बर्फबारी का भी आनंद उठा सकते हैं. इसके अलावा और क्या है इस हिल स्टेशन में खास आइए जानते हैं. 

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मुनस्यारी हिल स्टेशन में घूमने के लिए क्या है खास

मदकोट (MADKOT)- यह गांव है जो मुनस्यारी से 22 किमी दूर है और उन लोगों के लिए एक बेहतरीन जगह है जो फोटोग्राफी का शौक रखते हैं. अपनी प्राकृतिक सुंदरता और गर्म झरनों के लिए भी जाना जाता है.

बिर्थी झरना (BIRTHI FALLS) - बिर्थी झरना मुनस्यारी से सिर्फ 35 किमी दूर है और एक छोटे ट्रेक द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है. यह झरना समुद्र तल से 400 मीटर की ऊंचाई पर है और यहां कालामुनि दर्रे से भी पहुंचा जा सकता है.

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धारचूला (DHARCHULA)- मुनस्यारी से लगभग 93 किमी दूर धारचूला नामक स्थान है, जो काली नदी के तट पर स्थित है. वनस्पतियों के अलावा यह स्थान अपनी मजबूत ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के लिए भी जाना जाता है. यह ट्रांस-हिमालयी व्यापार मार्गों के लिए एक प्राचीन व्यापारिक शहर के रूप में जाना जाता था.

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नारायण आश्रम (NARAYAN ASHRAM) - वर्ष 1936 में नारायण स्वामी द्वारा स्थापित, जो 2,734 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, नारायण आश्रम इस क्षेत्र का एक फेमस आध्यात्मिक और सामाजिक-आर्थिक केंद्र है. नारायण आश्रम मुनस्यारी से लगभग 41 किमी दूर है.

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मिलम ग्लेशियर (MILAM GLACIER)- यह मुनस्यारी से 53.5 किमी दूर है और मिलम ग्लेशियर तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता गोरी गंगा नदी के किनारे ट्रैकिंग है. रास्ते में, बुगदियार से रिलकोट एक घना जंगल वाला क्षेत्र है जहां से भूमि गोरी गंगा घाटी की ओर खुलती है.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.


 

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