तकिए के नीचे मोबाइल रखकर सोते हैं तो हो जाएं सावधान

अगर आप रात को सोते समय मोबाइल फोन तकिए के नीचे रखकर सोते हैं तो इस आदत को छोड़ दें, क्योंकि ये आपके लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं. रात के समय मोबाइल पास रखकर सोने से दिमाग पर भी नकारात्मक प्रभाव होते हैं.

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पास रखकर सोते हैं मोबाइल तो हो जाएं सावधान
नई दिल्ली:

आजकल मोबाइल तेजी से लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बनता जा रहा हैं. शायद ही कोई ऐसा एज ग्रुप हो, जो इसका इस्‍तेमाल ना करता हो, पर क्या आप जानते हैं कि इसके फायदे के साथ इसके नुकसान भी बहुत से हैं. अगर आपको भी रात में सोते समय अपना मोबाइल फोन तकिए के पास रखकर सोने की आदत है तो जरा संभल जाएं, क्योंकि रात में बार-बार उठकर फोन चेक करने या सोने से पहले देर तक फोन पर लगे रहने की आदत आपकी नींद बर्बाद कर रही है. इसके साथ ही ये आदतें आपके लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है. रात को सोते समय मोबाइल को अपने आप से दूर रखें. रात के समय मोबाइल पास रखकर सोने से दिमाग पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

सावधान! मोबाइल फोन का ज्यादा यूज कर रहे हैं तो हो सकती है ये खतरनाक बीमारी 

मोबाइल फोन पास रख कर सोने के नुकसान

हर बार स्मार्टफोन के इस्तेमाल से रेडियो फ्रिक्‍वेंसी निकलती हैं, जो आपके मेटाबोल्जिम और खान-पान पर बुरा असर डाल सकती है. साथ ही कई शोध में पता चला है कि इसे कई खतरनाक बीमारियां भी हो सकती हैं.

कई बार मोबाइल के ज्‍यादा इस्‍तेमाल से थकान, कमजोरी और चक्‍कर जैसी शिकायत हो सकती है और हम इसका कारण नहीं समझ पाते.

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अक्सर देखा जाता है कि लोग फोन को सिर के पास, तकिए के नीचे रखकर सो जाते हैं. भूलकर भी ये ना करें इससे निकलने वाला रेडिएशन आपका ब्रेन डैमेज कर सकता है.

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रात के समय मोबाइल फोन पास रखकर सोने की आदत आपके लिए जानलेवा साबित हो सकती है. मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडिएशन से कैंसर और ट्यूमर जैसी घातक बीमारियां होने का खतरा रहता है.

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तकिए के नीचे मोबाइल रखकर सोना नहीं है खतरे से खाली 

रात के समय मोबाइल फोन से दूर रहें क्योंकि इसके ज़्यादा इतेमाल से शरीर में कोर्टिजोन नामक स्ट्रेस हार्मोन का स्तर बढ़ता है और आप नींद के दौरान भी तनाव में रहते हैं.

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मोबाइल फोन को हमेशा शरीर से चिपका कर रखने से आपके डीएनए का स्ट्रक्चर भी बिगड़ सकता है. कई शोधों में यह बात सामने आई है कि मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडिएशन से डीएनए के स्ट्रक्चर पर असर होता है.

मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडिएशन से दिमाग पर बुरा असर पड़ता है. इससे दिमाग की नसें सिकुड़ने लगती हैं, जिसके कारण दिमाग में ऑक्सीजन की सही मात्रा नहीं पहुंच पाती है. मोबाइल फोन की रेडिएशन के दुष्प्रभाव के कारण ही आजकल लोगों में डिप्रेशन और तनाव जैसी बीमारियों का स्तर बढ़ता जा रहा है.

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