पेरेंट्स को केवल 21 दिन एक्सपर्ट्स की बताई ये 6 टिप्स करना है फॉलो, सुलाने के लिए बच्चे को मारने डांटने की नहीं पड़ेगी जरूरत

आपका बच्चा सही समय पर सोता नहीं है तो इसके लिए आप यहां एक्सपर्ट्स के बताए कुछ सुझाव को अपनाकर अपने बच्चे की स्लीपिंग साइकिल को बेहतर बना सकती हैं.

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आप बच्चों को मोरल स्टोरीज सुनाएं इससे बच्चे में मोरल वैल्यूज बढ़ेंगी और बच्चा आपका एक अच्छा इंसान बनेगा.

Parenthood : बच्चों को होमवर्क कराना और समय से सुलाना, दोनों ही काम में पेरेंट्स को अच्छी स्ट्रगल करनी पड़ जाती है. ऐसे में कई बार मां बाप गुस्से और खीज में हाथ उठा देते हैं; उनपर जो की अच्छा तरीका नहीं है. पेरेंटिंग पेशेंस और सूझ बूझ से करने में ही भलाई है, क्योंकि आपका यह रवैया बच्चे को शारीरिक और मानसिक चोट पहुंचा सकता है. इसलिए आपका बच्चा सही समय पर सोता नहीं है तो इसके लिए यहां एक्सपर्ट्स के बताए कुछ सुझाव अपनाकर अपने बच्चे की स्लीपिंग साइकिल को बेहतर बना सकती हैं. हम यहां पर maonduty इंस्टाग्राम पेज पर साझा किए 6 टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आप बिना चीखे चिल्लाए अपने बच्चे को सुकून और शांति से सुला सकती हैं.

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बच्चे को सुलाने की टिप्स

पहला तरीका

सबस पहला काम आपको करना है, हर रोज 2 घंटे के लिए बच्चे को उसके मनपसंद आउटडोर गेम के लिए भेजना है. इससे बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास अच्छा होगा ही साथ ही शरीर थकेगी जिससे बच्चे को समय से नींद आ जाएगी. 

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दूसरा तरीका

वहीं, बेड टाइम से 3 घंटे पहले डिनर करा दें. इससे बच्चे का डाइजेस्टिव सिस्टम अच्छा होगा और नींद की क्वालिटी भी बेहतर होगी. 

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तीसरा तरीका

इसके अलावा आप बेड टाइम पर बच्चों को कहानी सुनना बहुत पसंद होता है. ऐसे में आप बच्चों को मोरल स्टोरीज सुनाएं इससे बच्चे में मोरल वैल्यूज बढ़ेंगी और बच्चा आपका एक अच्छा इंसान बनेगा. साथ ही उसकी क्रिएटिविटी भी बढ़ेगी. 

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चौथा तरीका

बच्चा आपका अगर बड़ा है, तो उसे बायोग्राफी दीजिए पढ़ने के लिए, उसके रोल मॉडल की. यह भी बच्चे की इंटेलिजेंसी को बढ़ाने का काम करेगी. 

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पांचवां तरीका

बच्चे को सुलाने से 2 घंटे पहले मोबाइल बिल्कुल नहीं दीजिए. क्योंकि यह उसकी स्लीपिंग साइकिल बिगाड़ सकती है. इसलिए बेड टाइम से पहले नो स्क्रीन. यह आपके और बच्चे दोनों पर लागू होता है. 

छठा तरीका

वहीं, लास्ट टिप है आप दिन में ही बच्चे को रात में कितने बजे सोना है टाइमिंग बता दीजिए. साथ ही उसको यह भी समझाइए की अगर वो समय से सोएगा तो उसे रिवार्ड मिलेगा.

अब से आप इन तरीकों को लगातार 21 दिन तक फॉलो करते हैं, तो आपके बच्चे को सुलाने के लिए डांट फटकार की जरूरत नहीं पड़ेगी. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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