Hyper pigmentation: एक हेल्दी और ग्लोइंग स्किन किसे नहीं चाहिए होती है. इसके लिए लोग लगातार अपनी स्किन का खयाल (Skin Care) रखते हैं और तमाम तरह के प्रोडक्ट्स का भी इस्तेमाल करते हैं. हालांकि इनमें से कुछ लोग स्किन पर आ रही झाइयों (Pigmentation) से काफी परेशान रहते हैं, इसे पिग्मेंटेशन भी कहा जाता है. जिसमें स्किन काली पड़ने लगती है और ये लेयर अलग से दिखाई देती है. कई लोगों को हाइपरपिग्मेंटेशन भी होता है, जिसमें स्किन पर गहरे काले धब्बे (Black Spots) आ जाते हैं, जिससे लोग काफी परेशान रहते हैं और कई बार डिप्रेशन का शिकार तक हो जाते हैं. आज हम इसी के बारे में आपको जानकारी दे रहे हैं.
क्यों होता है हाइपरपिग्मेंटेशन
हाइपरपिग्मेंटेशन की स्थिति तब होती है जब त्वचा अतिरिक्त मेलेनिन प्रोड्यूस करने लगती है. इससे काला रंग स्किन पर आने लगता है और धीरे-धीरे ये गहरा होता है. आमतौर पर महिलाओं में ऐसी समस्या देखी जाती है, ये समस्या उम्र के साथ और ज्यादा बढ़ती है. इसे रोकने के लिए एंटी पिग्मेंटेशन क्रीम का इस्तेमाल किया जा सकता है. आप स्किन डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं और इसके बाद एजेलिक एसिड, कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स और रेटिनोइड्स जैसे ट्रेटीनोइन और विटामिन सी सीरम आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं.
लेजर थेरेपी का करते हैं इस्तेमाल
हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या के लिए कुछ लोग लेजर थेरेपी का भी इस्तेमाल करते हैं, जिससे आपकी स्किन पर मौजूद धब्बों को हटाया जाता है. लेजर थेरेपी के जरिए आप अपनी स्किन की हेल्दी लेयर को फिर से जिंदा कर सकते हैं. इससे स्किन की लेयर मजबूत और चिकनी रहती है. हालांकि बिना डॉक्टर की सलाह के आप इनमें से किसी भी तरीके को आजमाने से बच सकते हैं. अब हम आपको इन तमाम उपायों के फायदे बताते हैं.
र्टिकोस्टेरॉइड्स सूजन और जलन को कम करने में मदद करता है, वहीं रेटिनोइड्स में सभी विटामिन ए शामिल होता है, जिनका इस्तेमाल स्किन पर किया जा सकता है. अगर आप ट्रेटीनोइन का इस्तेमाल करते हैं तो ये स्किन पर मौजूद पोर्स को बंद होने से रोकता है, साथ ही मुंहासे के निशान को भी कम करता है. इसके अलावा आप विटामिन सी सीरम का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इसके इस्तेमाल से आपकी स्किन हाइड्रेट रहेगी और कोलेजन बढ़ेगा.