Acharya Balkrishna Remedy For Tonsil: आज के समय में बच्चों और युवाओं में टॉन्सिल की परेशानी बेहद आम होती जा रही है. टॉन्सिल गले के दोनों किनारों पर छोटी-छोटी ग्रंथियां होती हैं. जब इन ग्रंथियों में सूजन आ जाती है, तो व्यक्ति को गले में दर्द और अकड़न से जूझना पड़ता है. कई बार परेशानी इतनी बढ़ जाती है कि बोलने और खाना निगलने में भी दिक्कत होने लगती है. अब, अगर आप भी इस तरह की समस्या से जूझते हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए मददगार हो सकता है. हाल ही में पतंजलि आयुर्वेद के प्रमुख आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो शेयर कर किया है. इस वीडियो में उन्होंने टॉन्सिल की समस्या से नेचुरल तरीके से निजात पाने का एक तरीका बताया है. आइए जानते हैं इसके बारे में-
कैसे पाएं टॉन्सिल से छुटकारा?
इसे लेकर आचार्य बालकृष्ण बताते हैं, आयुर्वेद में टॉन्सिल का बहुत आसान और असरदार इलाज है. इसके लिए आपको एक खास जड़ी-बूटी की जरूरत होती है, जिसे निर्गुंडी कहा जाता है. निर्गुंडी के सही इस्तेमाल से आपको 5 से 7 दिनों में ही असर नजर आने लगता है. इस औषधि से धीरे-धीरे टॉन्सिल की सूजन और दर्द दोनों कम होने लगते हैं.
- निर्गुंडी के पत्ते लेकर इन्हें धोकर साफ कर लें. इसके बाद इस पत्तों को पानी में उबालें.
- जब, पानी अच्छी तरह उबल जाए, तब इसे छानकर हल्का ठंडा कर लें.
- इस पानी से सुबह और शाम गरारे करें.
- इससे अलग आप एक और तरीका आजमा सकते हैं. इसके लिए निर्गुंडी की छाल को पीस लें और गले के बाहर, जहां सूजन है, वहां लेप लगाएं.
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, ऐसा नियमित तौर पर करने से आपको जल्द ही राहत मिल सकती है. इससे गले की सूजन में आराम मिलता है, साथ ही टॉन्सिल की वजह से जो बुखार और दर्द होता है, वह भी कम होता है. ये पूरी तरह से प्राकृतिक और सुरक्षित इलाज है, जो बच्चों और बड़ों दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है.
आचार्य बालकृष्ण से अलग कुछ अन्य रिपोर्ट्स भी निर्गुंडी को टॉन्सिल में फायदेमंद बताती हैं. जर्नल ऑफ एथनोफार्माकोलॉजी में छपी साल 2005 की एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, निर्गुंडी में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो बैक्टीरिया और सूजन को कम करते हैं. ऐसे में आप भी इस नुस्खे को आजमाकर देख सकते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.