Relationship: शादीशुदा जिंदगी में अक्सर ही अलग-अलग तरह की दिक्कतें आ जाती हैं लेकिन पति-पत्नी (Husband Wife) इन दिक्कतों से पार भी पा लेते हैं. वहीं, क्या नौकरी करता है इसका भी रिश्ते पर फर्क पड़ता है. अगर पति पत्रकार (Journalist) है तो मुश्किलें थोड़ी और बढ़ सकती हैं. असल में पत्रकारिता अन्य पेशों में कई तरह से अलग है. इसमें व्यक्ति 7 ये 8 नहीं बल्कि देखा जाए तो 24 घंटे काम ही कर रहा होता है. छुट्टियों में भी आप पत्रकार को ऑफिस से तो दूर कर सकते हैं लेकिन पत्रकारिता को उससे दूर नहीं कर सकते. इसीलिए अगर आप भी किसी पत्रकार से शादी करने वाली हैं तो पहले ही जान लें कौन-कौनसी चुनौतियां दरवाजे के पीछे आपका इंतजार कर रही हैं.
पत्रकार से शादी करने से पहले जान लें ये 5 बातें | 5 Things You Should Know Before Marrying A Journalist
वक्त की रहेगी कमीपत्रकार पति के पास समय की हमेशा कमी रहती है. ऑफिस में होते हैं तो आंख स्क्रीन से हटाना मुश्किल नहीं बल्कि नामुमकिन होता है और जब घर आते हैं तब भी नजर हमेशा खबरों पर बनी रहती है. आप उनसे यह शिकायत भी नहीं कर सकती हैं कि वे हमेशा फोन में ही क्यों लगे रहते हैं.
पत्रकार के लिए उसका काम सिर्फ एक नौकरी (Job) नहीं है बल्कि यह एक सामाजिक जिम्मेदारी निभाने जैसा है. देश में कोई घटना या दुर्घटना हो जाती है या कभी कोई और काम पड़ता है तो पत्रकार को अपने सारे काम छोड़कर स्टूडियो या फील्ड पर पहुंचना ही होता है. कई बार अपने निजी जीवन को भी पीछे छोड़ना पड़ जाता है.
मीडिया फील्ड में नौकरी लगना उतना आसान नहीं है जितना आसान नौकरी जाना है. ले ऑफ भी मीडिया में कभी भी हो जाते हैं और कोई गलती हो जाए तो कंपनी एंप्लॉई को नौकरी से निकालने से पहले एक बार नहीं सोचती है. इसीलिए पत्नी को भी हर इस तरह की चुनौतियों के लिए तैयार रहना पड़ता है.
अगर पति फोन में किसी लड़की से बात करता दिख जाता है तो पत्नी को दिक्कत तो होती ही है. लेकिन, अगर पति पत्रकार हो तो उसे नौकरी के नाते अलग-अलग लोगों से बात करनी पड़ती है. कई बार होता तो यह भी है कि पति का अगर सचमुच कहीं अफेयर (Affair) हो तो पत्नी को पता ही नहीं चल पाता क्योंकि पति काम का बहाना आसानी से मार सकता है. इसीलिए पत्नी को पत्रकार पति के साथ थोड़ा संभलकर तो रहना ही पड़ता है.
इनसे बातों में जीतना है मुश्किल
व्यक्ति पत्रकार हो तो उसकी लॉजिकल थिंकिंग तो होती ही है और साथ ही बातें बनाने में भी वे बेहद आगे रहते हैं. वहीं, पत्रकारों से वाद-विवाद में जीतना कोई आसान काम नहीं है. हो तो यह भी सकता है कि आप अपनी फीलिंग्स उनसे कह रही हों और वे आपको अपनी लॉजिकल बातें समझाते रह जाएं.यह वही वाला प्यार है जिसे कहते हैं 'ये इश्क नहीं आसान बस इतना समझ लीजिए, एक आग का दरिया है और डूब के जाना है.'
पत्रकार के साथ रिश्ता निभाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है लेकिन जहां प्यार होता है वहां कोई भी दिक्कत आपकी आपसी समझ और रिश्ते से बड़ी नहीं हो सकती है. हां, इन चैलेंजेस (Challenges) से आपको दोचार तो होना पड़ सकता है.