न्यू ईयर 1 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है? ऐसे हुई इसकी शुरुआत

January 1 New Year Interesting History: 1 जनवरी को नया साल मनाने का इतिहास काफी दिलचस्प है. प्राचीन रोमन कैलेंडर, जूलियस सीजर और ग्रेगोरियन कैलेंडर तक आते-आते यह तारीख साल की शुरुआत बन गई.

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1 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं नया साल

January 1 New Year Interesting History: न्यू ईयर 2026 में बस कुछ ही घंटे बाकी हैं. घड़ी में 12 बजने का इंतजार है. दुनिया में सेलिब्रेशन शुरू हो चुका है. भारत ही नहीं अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी समेत दुनियाभर में जश्न का माहौल है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि 1 जनवरी को ही नया साल क्यों मनाया जाता है. यह 100-200 साल नहीं बल्कि सदियों पुरानी राजनीति, रहस्यमय रोमन देवताओं और कैलेंडर सुधारों की कहानी है.आज हम आपको बताएंगे कि कैसे प्राचीन रोम से लेकर जूलियस सीजर और ग्रेगोरियन कैलेंडर तक का सफर 1 जनवरी को दुनिया का नया साल बना गया. जानिए दिलचस्प इतिहास..

प्राचीन रोम में मार्च से शुरू होता था साल

शुरुआत में रोम का पहला कैलेंडर सिर्फ 10 महीनों का था. साल की शुरुआत मार्च से होती थी, क्योंकि यह खेती और युद्ध के लिए सही मौसम माना जाता था. जनवरी और फरवरी उस समय कैलेंडर में शामिल नहीं थे. लगभग 713 ईसा पूर्व, रोमन राजा न्यूमा पोम्पिलियस ने दो महीने जनवरी और फरवरी जोड़ दिए. जनवरी का नाम रोमन देवता जानूस (Janus) के नाम पर रखा गया, जो दो मुख वाला देवता था, एक मुख अतीत की ओर और दूसरा भविष्य की ओर देखता था. इसलिए जनवरी को नई शुरुआत और पुराने साल के अंत का प्रतीक माना गया.

1 जनवरी को नया साल कब से मनाया जा रहा

शुरुआत में नया साल मार्च में ही शुरू होता था, लेकिन 153 ईसा पूर्व, रोमन सीनेट ने फैसला किया कि सरकारी कामकाज और शासक पदों की नियुक्ति 1 जनवरी से होगी. युद्ध की योजना और प्रशासनिक सुविधाओं के कारण धीरे-धीरे 1 जनवरी को नए साल का पहला दिन मान लिया गया. 46 ईसा पूर्व, जूलियस सीजर ने जूलियन कैलेंडर (Julian Calendar) लागू किया. इस कैलेंडर में साल की लंबाई तय की गई, लीप ईयर की व्यवस्था की गई और 1 जनवरी को ऑफिशियल न्यू ईयर घोषित किया गया. इसी से आज 1 जनवरी को नया साल मनाने की परंपरा शुरू हुई.

ग्रेगोरियन कैलेंडर ने 1 जनवरी ही नया साल माना

मध्यकाल में यूरोप में कई जगहों पर नया साल 25 मार्च या क्रिसमस के आसपास मनाया जाने लगा. चर्च ने 1 जनवरी की परंपरा को मूर्तिपूजक मानते हुए इसे अपनाने में समय लिया. 1582 में पोप ग्रेगरी XIII ने ग्रेगोरियन कैलेंडर (Gregorian Calendar) लागू किया. इसी कैलेंडर ने 1 जनवरी को आधिकारिक नया साल मान्यता दी. धीरे-धीरे यूरोप और फिर पूरी दुनिया ने इसे अपनाया.

भारत में 1 जनवरी को नया साल कब से मनाया जाता है

भारत में परंपरागत नववर्ष जैसे विक्रम संवत, शक संवत, चैत्र प्रतिपदा और बैसाखी अलग-अलग तारीखों पर मनाए जाते हैं, लेकिन ब्रिटिश शासन के दौरान ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाया गया. सरकारी और कानूनी काम इसी कैलेंडर के अनुसार होने लगे, इसलिए आज भारत में भी 1 जनवरी को इंग्लिश न्यू ईयर मनाया जाने लगा.

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