क्या होता है कार्बाइड, जिसने दिवाली पर फोड़ दीं कई लोगों की आंखें...जानें कैसे होता है धमाका

पीवीसी पाइप से बनी एक पटाखा गन जिसमें कार्बाइड डालकर इस्तेमाल किया जाता है. इस देसी जुगाड़ वाले गन की वजह से बच्चों की आंखों की रोशनी तक चली गई.

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नई दिल्ली:

What is Carbide: 20 अक्टूबर को पूरे देश भर में दिवाली मनाई गई, दीए की उजाले वाला ये त्योहार किसी की जिंदगी में अंधेरा कर देगा ये किसी को नहीं पता था. दीवाली के पटाखों का देसी जुगाड़ किसी की आंखों की रोशनी छीन लेगा ऐसा कोई सोच भी नहीं सकता लेकिन ऐसा हुआ है. इसके कई केस भी सामने आ चुके हैं. भोपाल, विदिशा, ग्वालियर और इंदौर में 200 से अधिक बच्चे घायल होकर अस्पताल में भर्ती है. पीवीसी पाइप से बनी एक पटाखा गन के कारण बच्चे अपनी आंखों की रोशनी तक खो सकते हैं. ये पीवीसी पाइप में कैल्शियम कार्बाइड डालकर पटाखे की तरह इस्तेमाल करते हैं. एक रासायनिक यौगिक है जो आमतौर पर सफ़ेद या भूरे-काले रंग के पत्थरों या टुकड़ों के रूप में मिलता है.

कैसे इस्तेमाल होता है कार्बाइड

इस पाइप को आसानी से खरीदा जा सकता है. पानी से भरे पाइप में कार्बाइड डालते, पत्थर के टुकड़े डालते, हिलाते और पत्थर निकाल लेते है उसके बाद लाइटर का बटन दबाते ही उसमे से धमाका होता है जिसे बच्चे इंजॉय करते हैं. लेकिन यही कार्बाइड आंखों को नुकसान पहुंचा रहे थे. चलिए जानते हैं क्या होता है कार्बाइड.

कार्बाइड गन' कोई फैक्ट्री में बना हथियार नहीं है, बल्कि यह एक खतरनाक 'देसी जुगाड़' है जिसे कुछ ही मिनटों में प्लास्टिक या पीवीसी पाइप और गैस लाइटर का उपयोग करके तैयार किया जाता है. जब कैल्शियम कार्बाइड के छोटे टुकड़ों को किसी बंद कंटेनर या पाइप में पानी या नमी के साथ मिलाया जाता है, तो एक तेजी से कैमिकल रिएक्शन होता है. जिसके बाद एसिटिलीन गैस बनती है. एसिटिलीन वही गैस है जिसका उपयोग वेल्डिंग आदि में किया जाता है, और यह अत्यधिक ज्वलनशील (Highly Flammable) होती है.

कैसे पहुंचाता है आंखों को नुकसान

विस्फोट के दौरान, पाइप से निकलने वाली एसिटिलीन गैस और अधिक गर्म रासायनिक कण (जला हुआ कार्बाइड) सीधे चेहरे और आंखों पर पड़ते हैं. यह एक रासायनिक जलन (Chemical Burn) पैदा करता है, जो आंख की नाजुक सतह (कॉर्निया और कंजंक्टिवा) को बुरी तरह झुलसा देता है. जब विस्फोट होता है, तो पीवीसी पाइप अक्सर छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाता है. ये प्लास्टिक के टुकड़े या छर्रे गोली की तरह आंखों में घुस जाते हैं.

डॉक्टर बताते हैं कि अक्सर बच्चे जिज्ञासा में फटने से ठीक पहले पाइप में झाँकते हैं, जिससे विस्फोट सीधे आंखों में होता है. यह कॉर्निया को चीरता हुआ आंख के अंदरूनी हिस्सों (रेटिना, लेंस) तक पहुंच जाता है, जिससे कॉर्निया का गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त होना, अंदरूनी ब्लीडिंग और कई मामलों में आंख की रोशनी का हमेशा के लिए चले जाना शामिल है.

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