Educated Countries: दुनिया के सबसे पढ़े-लिखे देश, यहां कोई नहीं है अनपढ़

100 Percent Literacy Rate: दुनिया के कई देश ऐसे हैं, जहां का एक-एक इंसान पढ़ा-लिखा है. इन देशों में एम्प्लॉयमेंट, हेल्थ सर्विसेज और लाइफ क्वालिटी हाई है. यहां यूथ इनोवेशन और टेक्निकल स्किल्स में भी काफी अच्छे हैं. जानिए सबसे पढ़े-लिखे देशों की लिस्ट.

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नई दिल्ली:

Top Literacy Countries 2025: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि भारत की साक्षरता 2011 के 74% से बढ़कर 2023-24 में 80.9% पहुंच गई है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कौन से देशों में लिट्रेसी रेट 100% है, जहां का एक-एक इंसान पढ़ा-लिखा है. दरअसल, साक्षरता किसी भी देश की प्रगति का सबसे अहम इंडिकेटर माना जाता है. जब ज्यादातर आबादी पढ़ने-लिखने में सक्षम होती है, तो यह न सिर्फ आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक प्रगति में भी मदद करता है. आइए जानते हैं उन देशों के बारें में जहां हर नागरिक पढ़ा-लिखा है.

100% साक्षरता वाले देश

यूनेस्को और अन्य ग्लोबल एजुकेशन रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुनिया में कुछ देश ऐसे भी हैं जहां साक्षरता दर लगभग 100 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है. इनमें फिनलैंड (Finland), नॉर्वे (Norway), लक्जमबर्ग (Luxembourg), अंडोरा (Andorra), ग्रीनलैंड (Greenland), लिक्टेंस्टाइन (Liechtenstein) और उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) जैसे नाम शामिल हैं. ये देश सिर्फ पढ़ाई-लिखाई में ही नहीं, बल्कि अपनी एजुकेशन पॉलिसी और गवर्नमेंट सपोर्ट की वजह से भी मिसाल बने हुए हैं. यहां की सरकारें शिक्षा को लेकर बेहद एक्टिव हैं और लगातार नई योजनाएं लागू करती रहती हैं, ताकि हर नागरिक तक क्वालिटी एजुकेशन पहुंच सके.

फिनलैंड और नॉर्वे में टॉप पर एजुकेशन

फिनलैंड और नॉर्वे का एजुकेशन सिस्टम दुनिया में सबसे टॉप का माना जाता है. इन देशों में पब्लिक स्कूलिंग और लॉन्ग लाइफ एजुकेशन पर खास ध्यान दिया जाता है. यही कारण है कि हर नागरिक, चाहे वह किसी भी सामाजिक या आर्थिक वर्ग से हो, पढ़ाई कर सकता है. इन देशों में टीचर्स ट्रेनिंग, सिलेबल क्वालिटी और टेक्नोलॉजी रिसोर्सेज की उपलब्धता एजुकेशन लेवल को हाई बनाती है.

लक्जमबर्ग और लिक्टेंस्टाइन: छोटे देश लेकिन एजुकेशन में बड़े

छोटे लेकिन समृद्ध देशों जैसे लक्जमबर्ग और लिक्टेंस्टाइन में पढ़ाई-लिखाई करना काफी आसान और सस्ता है. इन देशों की कम पॉपुलेशन और रिसोर्सेज की प्रचुरता ने इसे संभव बनाया है. यहां के बच्चे सरकारी स्कूलों में फ्री और अच्छी क्वालिटी वाली शिक्षा प्राप्त करते हैं. इसके अलावा, हाई लाइफ क्वालिटी और सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था ने शिक्षा को यूनिवर्सल बनाने में मदद की है.

उज्बेकिस्तान: मध्य एशिया का एजुकेशन मॉडल

उज्बेकिस्तान भी उन देशों में शामिल है, जहां लगभग हर इंसान पढ़ना-लिखना जानते हैं. सोवियत संघ के दौर से चली आ रही कंपल्सरी एजुकेशन पॉलिसी ने यहां शिक्षा की मजबूत नींव रखी. आज उज्बेकिस्तान में गांवों और शहरों में एक समान शिक्षा की पहुंच है.

इन देशों में भी करीब-करीब 100% लिट्रेसी रेट

इसके अलावा, कुछ देशों की साक्षरता दर भी 100% के करीब है. इनमें यूक्रेन (Ukraine), कजाकिस्तान (Kazakhstan), अजरबैजान (Azerbaijan), जॉर्जिया (Georgia) और उत्तर कोरिया (North Korea) शामिल हैं. हालांकि, आंकड़ें अलग-अलग भी हो सकते हैं, क्योंकि कई देशों में साक्षरता की परिभाषा और सरकारी रिपोर्टिंग की सटीकता अलग होती है.

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