कहानी उस गमछे की, जिसे बिहार में जीत के बाद पीएम मोदी ने लहराया

PM Modi Gamcha: बिहार जीतने के बाद पीएम मोदी ने गमछा लहराते हुए राज्य के तमाम लोगों को साफ संदेश दिया कि उनकी पार्टी आम लोगों से जुड़ी हुई है. पीएम मोदी से पहले कई नेता इस गमछे का इस्तेमाल कर चुके हैं.

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गमछे की कहानी

PM Modi Gamcha: बिहार विधानसभा में प्रचंड जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब बीजेपी मुख्यालय पहुंचे तो उनका अंदाज कुछ अलग नजर आया. इस बार उनके हाथ में एक गमछा था, जिसे लहराते हुए वो तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे. इससे पहले भी बिहार चुनाव के दौरान पीएम मोदी को गमछा लहराते देखा गया था. पीएम मोदी ने इस गमछे को एक सिंबल की तरह इस्तेमाल किया, जो बिहार के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा है. ऐसे में आइए जानते हैं कि गमछे की कहानी क्या है और इसका इस्तेमाल क्यों किया जाता है. 

कई देशों में होता है गमछे का इस्तेमाल

भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों में गमछे का इस्तेमाल अलग-अलग तरह से किया जाता है. बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान और बाकी कुछ देशों के लोग भी इसे पहनते हैं. ज्यादातर लोग इसे सिर पर बांधते हैं. भारत की बात करें तो यहां असम, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा गमछे का इस्तेमाल होता है. असम में इसे गमोसा कहा जाता है, वहीं बिहार के लोग गमछे को अंगोछा भी कहते हैं. 

क्या है गमछे का इतिहास?

गमछे का नाम बंगाली शब्द गमछा से लिया गया है, कुछ लोग संस्कृत के शब्द 'अङ्गोञ्छन' से भी इसकी उत्पत्ति मानते हैं. इसका मतलब पोंछने वाला कपड़ा होता है. ये पिछले कई दशकों से भारत में समाजिक और सांस्कृतिक प्रतीक के तौर पर रहा है. प्राचीन भारत में हाथ से बने हुए कपड़ों का इस्तेमाल गमछे के तौर पर किया जाता था. आमतौर पर मेहनत मजदूरी करने वाले लोगों के लिए ये एक खास चीज है. वहीं असम में इसे सम्मान के तौर पर भी भेंट किया जाता है. नॉर्थ से लेकर साउथ तक, गमछा किसी न किसी तरह से आम आदमी की जिंदगी का हिस्सा है और उसकी एक पहचान भी है. 

कई नेता करते हैं इस्तेमाल

गमछे को जमीन का प्रतीक माना जाता है. यानी जो लोग जमीन से जुड़े होते हैं या फिर गांव का जुड़ाव अपने साथ रखते हैं, वो गमछे को नहीं छोड़ते. क्योंकि गमछा आम आदमी की जड़ों से जुड़ा हुआ है और उनकी रोजमर्रा का हिस्सा है, ऐसे में तमाम नेता भी इसका खूब इस्तेमाल करते हैं. पीएम मोदी से पहले राहुल गांधी, अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव को भी गमछा पहने देखा गया था. इसके अलावा कई फिल्मों में भी गमछे का खूब इस्तेमाल हुआ है. क्योंकि गमछा बिहारियों की शान माना जाता है, ऐसे में पीएम मोदी ने जीत के बाद इसे लहराते हुए बिहार के लोगों को एक मैसेज देने का काम कर दिया. 

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