Static Electricity Winter: सर्दियों में अक्सर ऐसा होता है कि किसी से हाथ मिलाते ही हल्का झटका लगता है. कभी दरवाजे का हैंडल छूते ही चिंगारी सी महसूस होती है. आपके साथ भी ये जरूर हुआ होगा. यह कोई बड़ी बिजली नहीं, बल्कि स्टैटिक इलेक्ट्रिसिटी का खेल है. आखिर यह क्यों होता है? आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं...
सब कुछ एटम से शुरू होता है
हमारे आस-पास की हर चीज एटम से बनी है. एटम में तीन पार्ट होते हैं- पॉजिटिव चार्ज वाले प्रोटॉन, नेगेटिव चार्ज वाले इलेक्ट्रॉन और न्यूट्रल न्यूट्रॉन. आमतौर पर एटम न्यूट्रल रहता है, लेकिन जब इलेक्ट्रॉन ज्यादा हो जाते हैं, तो नेगेटिव चार्ज बनता है. यही अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन किसी पॉजिटिव चार्ज वाली चीज की तरफ खिंचते हैं और जब यह अचानक होता है, तो हमें झटका लगता है.
सर्दियों में क्यों बढ़ता है करंट?
सर्दियों में हवा सूखी होती है. नमी कम होने से हमारी स्किन पर इलेक्ट्रॉन आसानी से जमा हो जाते हैं. गर्मियों में हवा में नमी ज्यादा होती है, जो इन इलेक्ट्रॉनों को खत्म कर देती है. इसलिए गर्मियों में झटके कम लगते हैं, जबकि सर्दियों में यह आम बात है.
ये भी पढ़ें- महाराष्ट्र निकाय चुनाव के रुझानों में बीजेपी की बल्ले-बल्ले, पार किया 100 का आंकड़ा, MVA बैकफुट पर
इलेक्ट्रॉन कब बाहर निकलते हैं?
इलेक्ट्रॉन हमेशा हमारे शरीर में नहीं रहते. जैसे ही उन्हें बाहर निकलने का मौका मिलता है, वे तुरंत निकल जाते हैं. उदाहरण के लिए, अगर हमारे शरीर में इलेक्ट्रॉन ज्यादा हैं और हम किसी पॉजिटिव चार्ज वाली चीज को छूते हैं, तो इलेक्ट्रॉन बाहर निकलते हैं और हमें झटका लगता है. कभी-कभी यह इतना तेज़ होता है कि हवा के कण टूट जाते हैं और चिंगारी बनती है.
क्यों लगता है दर्द?
जब इलेक्ट्रॉन बाहर निकलते हैं, तो एक छोटी सी चिंगारी बनती है. यह गर्म होती है और हमारी स्किन पर सुई चुभने जैसा एहसास कराती है. यही वजह है कि झटका हल्का होते हुए भी दर्द करता है.
स्टैटिक इलेक्ट्रिसिटी के मजेदार तथ्य
- बिजली भी स्टैटिक इलेक्ट्रिसिटी का बड़ा रूप है, जो बादलों और हवा की रगड़ से बनती है.
- सिल्क या कांच की रॉड को रगड़ने से पॉजिटिव चार्ज बनता है.
- प्लास्टिक या रबर रॉड पर फर रगड़ने से नेगेटिव चार्ज बनता है.
- स्टैटिक इलेक्ट्रिसिटी लाइट की स्पीड से चलती है, 186,282 मील प्रति सेकंड!














