भारत के इस राज्य में सबसे महंगी है शराब, इतना टैक्स वसूलती है सरकार

भारत में शराब की कीमतें हर राज्य में अलग-अलग होती हैं. कुछ राज्यों में शराब काफी ज्यादा महंगी है. इसका मुख्य कारण हाई एक्साइज ड्यूटी और टैक्स है. तेलंगाना-आंध्र प्रदेश में शराब पर लोग सबसे ज्यादा खर्च करते हैं.

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Most Expensive Liquor in India: क्या आप जानते हैं कि आपके राज्य में शराब कितनी महंगी है. भारत में शराब की कीमतें सिर्फ ब्रांड और क्वालिटी पर नहीं, बल्कि राज्य सरकार के लगाए गए एक्साइज टैक्स और ड्यूटी पर भी निर्भर करती हैं. कुछ राज्य ऐसे हैं जहां शराब पीना काफी ज्यादा महंगा है, वहीं कुछ राज्यों में यह सस्ती है. आइए जानते हैं, कौन-कौन से राज्य शराब पर सबसे ज्यादा टैक्स लगाते हैं और कहां शराब सबसे महंगी है.

देश में सबसे महंगी शराब कहां?

1. कर्नाटक

इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार, कर्नाटक में शराब (Liquor) पर कुल 83 प्रतिशत टैक्स लगाया जाता है, जो इसे पूरे देश में सबसे महंगा राज्य बनाता है. खासकर प्रमुख शहरों में ब्रांडेड और आयातित शराब की कीमतें इतनी अधिक होती हैं कि कभी-कभी सामान्य शराब के मुकाबले दोगुनी या उससे भी ज्यादा हो जाती हैं.

2. महाराष्ट्र

रिपोर्ट्स के अनुसार, महाराष्ट्र लंबे समय से शराब की महंगी कीमतों के लिए जाना जाता है. यहां पहले से ही 71 प्रतिशत टैक्स था, और नई एक्साइज पॉलिसी लागू होने के बाद कीमतें और बढ़ गई हैं. यहां भी शराब खरीदना हर किसी के बस की बात नहीं है.

3. राजस्थान, तेलंगाना और यूपी

राजस्थान में शराब पर 69 प्रतिशत टैक्स वसूला जाता है. इससे शराब की कीमतें आम जनता के लिए काफी ऊंची हो गई हैं. तेलंगाना में शराब की कीमतें महंगी हैं और लोग यहां शराब पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाले राज्यों में शामिल हैं. यहां 68 प्रतिशत टैक्स वसूला जाता है. देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में शराब पर 66 प्रतिशत टैक्स है.

शराब पर सबसे ज्यादा कहां के लोग खर्च करते हैं

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (NIPFP) के स्टडी के अनुसार, शराब पर प्रति व्यक्ति खर्च के मामले में कुछ राज्य सबसे आगे हैं. इनमें तेलंगाना पहले नंबर पर है, जहां औसतन 1,623 रुपए प्रति व्यक्ति सालाना खर्च है. इसके बाद आंध्र प्रदेश 1,306 रुपए और पंजाब 1,245 रुपए हैं.

शराब महंगी होने का कारण

  • हाई टैक्स और एक्साइज ड्यूटी शराब की कीमतें बढ़ाते हैं.
  • सरकार का उद्देश्य राजस्व जुटाना और खपत कंट्रोल करना है.
  • महंगी शराब के चलते लोग छोटे पैकेज और लोकल ब्रांड्स की ओर बढ़ रहे हैं.
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