चीन और अमेरिका में कैसे फोड़े जाते हैं पटाखे, पॉल्यूशन से बचने के लिए करते हैं ये काम

दिल्ली में पॉल्यूशन को देखते हुए पिछले कुछ सालों से पटाखों पर बैन लगाया गया था. दिवाली की आतिशबाजी के बाद प्रदूषण का ये स्तर 500 या 600 तक पहुंच सकता है.

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भारत में पटाखे जलने के बाद होता है पॉल्यूशन

भारत की राजधानी दिल्ली दुनिया के उन तमाम शहरों की लिस्ट में टॉप-5 में आती है, जहां सबसे ज्यादा प्रदूषण है. दिल्ली में पॉल्यूशन को देखते हुए पिछले कुछ सालों से पटाखों पर बैन लगाया गया था, लेकिन इस दिवाली ग्रीन पटाखों को जलाने की इजाजत सुप्रीम कोर्ट ने दे दी है. दिवाली से एक दिन पहले ही एक्यूआई 400 के पार चला गया, जो बेहद खतरनाक माना जाता है. माना जा रहा है कि दिवाली की आतिशबाजी के बाद प्रदूषण का ये स्तर 500 या 600 तक पहुंच सकता है. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि अमेरिका और चीन जैसे देशों में कैसे आतिशबाजी होती है और वो इसे किस तरह कंट्रोल करते हैं. 

दिल्ली में शर्तों के साथ हटाया गया बैन

दिवाली पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर के लोगों को 18 से 21 अक्टूबर के बीच, शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक ग्रीन पटाखे फोड़ने की इजाजत दी है. हालांकि मार्केट में ग्रीन पटाखों के अलावा बाकी तमाम तरह के पॉल्यूशन फैलाने वाले पटाखे खूब बिक रहे हैं. ऐसे में ये तय है कि दिवाली की अगली सुबह दिल्ली के लोगों को जहरीली हवा में सांस लेनी होगी. 

अमेरिका में कैसे जलाए जाते हैं पटाखे?

भारत की तरह अमेरिका में हर फेस्टिवल में पटाखों का इस्तेमाल नहीं होता है. अमेरिका में 4 जुलाई को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 1 जनवरी को न्यू ईयर पर ही आतिशबाजी देखने को मिलती है. इसे लेकर भी कई तरह के नियम और कायदे बनाए गए हैं. पटाखे बनाने के लिए कई तरह के क्लियरेंस लेने होते हैं और लाइसेंस के बिना एक फुलझड़ी तक नहीं बेची जा सकती है. 

पटाखों की दुकाने टेंट में लगती हैं और यहीं ये भी बताया जाता है कि कब और कितने बजे आप पटाखे चला सकते हैं. इसके लिए अलग-अलग दिनों में अलग टाइमिंग बनाई जाती है. यहां पर तीन, चार और पांच जुलाई को ही पटाखे जलाने की इजाजत दी जाती है. पटाखों के लिए फेडरल स्टैंडर्ड और स्थानीय नियमों का पालन करना जरूरी होता है. इसके अलावा कुछ स्टेट ऐसे भी हैं, जिनमें पटाखे चलाने की इजाजत नहीं होती है. कुछ राज्यों में उम्र की सीमाएं भी होती हैं और अस्पतालों या गैस स्टेशनों जैसी साइट्स के पास इस्तेमाल पर बैन होता है. 

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चीन में सख्त बैन

भारत के पड़ोसी देश चीन में पटाखों पर सख्त नियम बनाए गए हैं, चीन ही वो देश है, जहां से पटाखे फोड़े जाने की शुरुआत हुई थी. गनपाउडर का अविष्कार चीन में ही हुआ था. चीन के लोग मानते थे कि आतिशबाजी से बुरी आत्माएं भाग जाती हैं. हालांकि आज बीजिंग और शंघाई समेत चीन के तमाम बड़े शहरों में पटाखे पूरी तरह से बैन हैं. बाकी कुछ ग्रामीण इलाकों में त्योहारों पर सीमित मात्रा में आतिशबाजी की जा सकती है. 

चीन में सरकार की तरफ से बताया जाता है कि किस आउटलेट पर पटाखे मिलेंगे और कितने घंटे तक इन्हें चलाया जा सकता है. इस तरह चीन में एयर पॉल्यूशन को कंट्रोल किया जाता है. हालांकि चीन में पटाखों का उत्पादन बड़ी मात्रा में होता है, जिसे बाकी देशों में भेजा जाता है. हुनान प्रांत में चीन के अधिकांश पटाखों का उत्पादन होता है. 
 

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