UPSC CSE Prelims Cut Off 2024: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सर्विस परीक्षा को दुनिया की सबसे कठिनतम परीक्षाओं में से एक है. हर साल लाखों उम्मीदवार आईएएस और आईपीएस बनने की चाह में इस परीक्षा में भाग लेते हैं, लेकिन कुछ खुशकिस्मत ही इस परीक्षा को क्रैक कर पाते हैं. आयोग ने 16 जून को यूपीएससी सिविल सर्विस प्रीलिम्स 2024 का आयोजन किया था. इस साल यूपीएससी प्रीलिम्स 2024 परीक्षा का डिफिकल्टी लेवल मीडियम से कठिन रहा है. ऐसे में इस साल यूपीएससी प्रीलिम्स का कट-ऑफ हाई जा सकता है. यूपीएससी कट-ऑफ जनरल स्टडीज पेपर 1 और पेपर 2 की डिफिकल्टी लेवल और रिक्तियों के आधार पर बनती है. इसलिए हर साल कट-ऑफ अलग-अलग होता है. यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम का कट-ऑफ रिक्तियों, कठिनाई का स्तर, उम्मीदवारों की संख्या और उम्मीदवारों की परफॉर्मेंस के आधार पर तय होती है.
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वैकेंसी ज्यादा तो कट-ऑफ ज्यादा
अगर भर्तियां ज्यादा होती हैं तो कट-ऑफ लो जाता है और वैकेंसी की संख्या कम होती है तो कट-ऑफ हाई जाती है. वहीं अगर परीक्षा में उम्मीदवारों की संख्या ज्यादा होती है तो कॉम्पिटीशन का लेवल बढ़ जाता है और इससे कट-ऑफ भी बढ़ जाती है. अगर ज्यादा उम्मीदवार हाई मार्क्स स्कोर करते हैं तो भी यूपीएससी कट-ऑफ हाई जा सकता है.
यूपीएससी सीएसई मुख्य परीक्षा
यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा के जनरल स्टडीज पेपर 1 में प्राप्त न्यूनतम योग्यता अंक को कट-ऑफ कहा जाता है. यूपीएससी द्वारा निकाली गई भर्ती के आधार पर प्रीलिम्स की कट-ऑफ तय की जाती है. यूपीएससी द्वारा निकाली गई पदों की संख्या से 12-13 गुणा ज्यादा उम्मीदवार यूपीएससी सीएसई मुख्य परीक्षा में भाग लेते हैं. वहीं जो उम्मीदवार सीसैट यानी जनरल स्टडीज पेपर 2 में कुल अंकों के एक तिहाई (1/3) से कम अंक प्राप्त करते हैं, उनके कट-ऑफ को नहीं गिना जाता है. पेपर 2 में क्वालीफाई करने वाले उम्मीदवारों को जनरल स्टडीज पेपर 1 में उनके अंकों के आधार पर रैंक दी जाती है. फिर इन्हीं उम्मीदवारों को यूपीएससी मुख्य परीक्षा में भाग लेने का मौका मिलेगा.
मेंस में 12 से 13 हजार भाग लेंगे
इस साल यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा के लिए 1056 रिक्तियां निकाली गई हैं. ऐसे में उम्मीद है कि इस साल 12.5 से 13.5 हजार उम्मीदवार यूपीएससी की मुख्य परीक्षा में भाग लेंगे. यूपीएससी भर्ती में भी आरक्षण का प्रावधान है, जिसमें 15 प्रतिशत सीटें एससी, 7.5 प्रतिशत एसटी, 27 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग और 10 प्रतिशत सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं.