छठे और सातवें वेतन आयोग में कितनी बढ़ी थी सैलरी? ये था फिटमेंट फैक्टर

8वें वेतन आयोग लागू होने के बाद किसकी कितनी सैलरी बढ़ेगी इसे लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं. इससे पहले जान लीजिए छठे और 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टक क्या रहा था.

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नई दिल्ली:

8वें वेतन आयोग के लिए केबिनेट से मिली मंजूरी के बाद अब सेंट्रल कर्मचारी अपनी सैलरी को लेकर जानना चाह रहे हैं. हालांकि सैलरी को लेकर कोई ऑफिशियल डेट जारी नहीं की गई है. लेकिन सैलरी में बढ़ोतरी होगी ये तो सभी जानते हैं. सैलरी में बढ़ोतरी को लेकर कितना होगा इसका अंदाजा केवल फिटमेंट फैक्टर को लेकर लगाया जा सकता है. ऐसे में पिछले कुछ वेतन आयोग में हुए सैलरी में बढ़ोतरी को लेकर अनुमान लगाया जा सकता है. चलिए जानते हैं छठे (6th) और सातवें (7th) वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर.

वेतन में बढ़ोतरी खास तौर से फिटमेंट फैक्टर और न्यूनतम मूल वेतन (Minimum Basic Salary) में किए गए बड़े बदलावों पर आधारित थी. जैसे छठा वेतन आयोग (6th Pay Commission 2006, सातवां वेतन आयोग (7th Pay Commission - 2016) में न्यूनतम मूल वेतन 2,750 से बढ़कर 7,000 रु हर महीने.  7वें में 7,000 से बढ़कर 18,000 प्रति महीने.

इतनी बढ़ी थी सैलरी- औसतन लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि (वेतन, भत्ते और पेंशन) 7वें वेतन आयग में लगभग 23 प्रतिशत से 25 प्रतिशत की वृद्धि (वेतन, भत्ते और पेंशन) 

फिटमेंट फैक्टर: सैलरी बढ़ाने का आधार

फिटमेंट फैक्टर एक नंबर (Multiplier) होता है, जिसका इस्तेमाल पिछले वेतन आयोग के मूल वेतन (Basic Pay) को नए वेतन आयोग के बेसिक सैलरी में बदलने के लिए किया जाता है. यह मूल रूप से कर्मचारियों को उनके पिछले वेतन के मुकाबले एक फिक्स्ड और समान वृद्धि सुनिश्चित करता है.

छठा वेतन आयोग (Fitment Factor 1.86) था

छठे वेतन आयोग ने शुरुआत में फिटमेंट फैक्टर 1.74 प्रस्तावित किया था, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 1.86 कर दिया गया था.यानी कर्मचारी का नया मूल वेतन लगभग 1.86 गुना हो गया था (उदाहरण के लिए, ₹4,000 बेसिक पे ₹4,000 x 1.86 = ₹7,440 नया बेसिक पे).

7वां वेतन आयोग (Fitment Factor 2.57)

7वें वेतन आयोग ने सभी लेवल के कर्मचारियों के लिए 2.57 का एक समान (Uniform) फिटमेंट फैक्टर तय किया. 6वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारी के मौजूदा मूल वेतन (ग्रेड पे सहित) को 2.57 से गुणा करके 7वें वेतन आयोग में नया मूल वेतन निर्धारित किया गया. अगर किसी कर्मचारी का 6वें आयोग के तहत मूल वेतन (ग्रेड पे सहित) ₹7,000 था, तो 7वें आयोग के तहत उसका नया मूल वेतन ₹7,000 x 2.57 = 17,990 (लगभग ₹18,000) हो गया था.

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