राजस्थान में आनेवाले पांच सालों में 4 लाख सरकारी और 6 लाख प्राइवेट सेक्टर नौकरियां आनेवाली हैं. मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने इसकी जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार टूरिज्म, सोलर एनर्जी, इंडस्ट्री और दूसरे सेक्टर में युवाओं के लिए रोजगार के नए मौके बनाने के लिए पक्के इरादे से काम कर रही है. सरकार का पांच साल में 4 लाख सरकारी और 6 लाख प्राइवेट सेक्टर में नौकरियां देने का टारगेट है. जिसके तहत करीब 92,000 सरकारी नौकरियां पहले ही दी जा चुकी हैं. जबकि 1.53 लाख से ज़्यादा पोस्ट के लिए अभी भर्ती चल रही है. इसके अलावा, प्राइवेट सेक्टर में 2 लाख से ज़्यादा रोजगार के मौके बनाए गए हैं.
मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि जल्द ही एक नई यूथ पॉलिसी लाई जाएगी. मुख्यमंत्री गुरुवार को कॉमर्स कॉलेज में राज्य सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर आयोजित राज्य-स्तरीय रोजगार मेले को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि रोजगार मेला रोजगार, स्किल डेवलपमेंट और एंटरप्रेन्योरशिप को प्राथमिकता देने के सरकार के विजन को दिखाता है.
मेले में प्राइवेट इंडस्ट्री के 20 से ज़्यादा सेक्टर के 100 से ज़्यादा एम्प्लॉयर ने हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि लोकल रोजगार के मौके लगातार मिलते रहें, इसके लिए हर ज़िले में ऐसे रोज़गार मेले रेगुलर लगते रहेंगे.
मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि सरकार के दो साल के कार्यकाल में एक भी पेपर लीक नहीं हुआ है, जबकि पिछली सरकार में बार-बार पेपर लीक होने से युवाओं को बहुत परेशानी होती थी. स्वामी विवेकानंद के 1893 के संदेश - “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य हासिल न हो जाए” - का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 21वीं सदी भारत की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत तेज़ी से ग्लोबल लीडर बनने की ओर बढ़ रहा है.
रोजगार के नए अवसर
शर्मा ने कहा कि सरकार ने पिछले दो सालों में पानी, बिजली, इंडस्ट्री और रोज़गार को प्राथमिकता देते हुए एक साफ़ रोडमैप के साथ काम किया है. राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के दौरान 35 लाख करोड़ रुपये के MoU साइन किए गए, जिनमें से 8 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स का ग्राउंड-ब्रेकिंग पहले ही हो चुका है. ये इन्वेस्टमेंट युवाओं के लिए रोज़गार के बड़े नए मौके पैदा कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने बताया कि करीब 410 रोज़गार सहायता कैंप लगाए गए हैं, जिनके ज़रिए 1.11 लाख से ज़्यादा बेरोज़गार उम्मीदवारों को नौकरियों के लिए चुना गया है. युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें फ़ाइनेंशियल मदद देने के लिए मुख्यमंत्री युवा संबल योजना लागू की जा रही है. इस स्कीम के तहत 4 लाख से ज़्यादा युवाओं को फ़ायदा हुआ है, और बेरोज़गारी भत्ते के तौर पर 1,156 करोड़ रुपये पहले ही बांटे जा चुके हैं.
रोज़गार मेला आत्मनिर्भरता का गेटवे
स्किल, रोज़गार और एंटरप्रेन्योरशिप मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौर ने कहा कि राजस्थान के युवा मेहनती और डिसिप्लिन्ड हैं, जिससे प्राइवेट सेक्टर की कंपनियां उनकी बहुत मांग करती हैं. उन्होंने रोज़गार मेले को आत्मनिर्भरता का गेटवे बताया और इस बात पर ज़ोर दिया कि पूरे राज्य में रोज़गार कैंप के ज़रिए प्राइवेट सेक्टर में नौकरियां दी जा रही हैं.
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