Layoff in Five9: एक दौर था जब लोग एक कपंनी में पूरी उम्र गुजार देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. कोरोना काल के बाद छटनी की बाढ़ ही आ गई है. पहले जहां देश-दुनिया में कुछ ही कंपनियां छटनी के लिए बदनाम थी, लेकिन अब इस लिस्ट में फेसबुक, एक्स, गूगल ही नहीं आईटी की इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेड, विप्रो, टेक महिंद्रा जैसी कंपनियों के नाम शामिल है. लेटेस्ट अपडेट है कि कॉल सेंटर सॉफ्टवेयर कंपनी फाइव9 (Five9) ने अपने वर्कफोर्स में करीब 7 प्रतिशत कटौती का ऐलान किया है. इसका असर फाइव9 के 200 से ज्यादा कर्मचारियों पर पड़ेगा.
कंपनी फाइव9 के सीईओ माइक बर्कलैंड (Mike Burkland) ने ईमले के जरिए कर्मचारियों को छटनी की जानकारी दी. माइक बर्कलैंड ने लिखा कि हमें अपने कर्मचारियों को निकालने का मुश्किल निर्णय लेना पड़ा है. हमें अपने कुछ साथियों को खुद से अलग करना पड़ेगा, जो दुखद है. सीईओ ने लिखा कि हमें कंपनी के मुनाफे के साथ इसकी ग्रोथ को बरकरार रखने के साथ शेयरहोल्डर्स को भी खुश रखना होता है. इसलिए कंपनी ने कर्मचारी के छटनी का कठिन फैसला लिया है.
फाइव9 में 2684 परमानेंट कर्मचारी हैं और छटनी की यह 200 से ज्यादा कर्मचारियों पर गिरने वाली है. इसके चलते कंपनी को कर्मचारियों को 1.2 करोड़ डॉलर से 1.5 करोड़ डॉलर तक देने होंगे. यह रकम कंपनी तीसरी और चौथी तिमाही में उपलब्ध करा देगी. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो फाइव9 कर्मचारियों की छटनी कर लगभग 3.5 करोड़ डॉलर बचा लेगी, जिससे उसका मुनाफा 20 प्रतिशत बढ़ जाएगा. एक दौर था जब लोग एक कंपनी से नौकरी शुरू करते और वहीं से रिटायर हो जाते थे, लेकिन अब कर्मचारियों का 100 प्रतिशत भी उनकी जॉब सिक्योरिटी की गारंटी नहीं देता है.
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