झारखंड : जेल में बंद मंत्री आलमगीर आलम ने राज्य मंत्रिमंडल से दिया इस्तीफा

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि आदर्श आचार संहिता हटने के बाद आलम इस्तीफा देने वाले थे. इससे पहले मुख्यमंत्री ने आलम के सभी चार विभागों.. संसदीय कार्य मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, ग्रामीण कार्य मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय का प्रभार अपने हाथों में ले लिया था.

Advertisement
Read Time: 3 mins

धन शोधन संबंधी एक मामले के सिलसिले में जेल में बंद झारखंड सरकार में मंत्री आलमगीर आलम ने राज्य मंत्रिमंडल और कांग्रेस विधायक दल के नेता के पद से इस्तीफा दे दिया है. एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पदाधिकारी ने कहा कि आलम ने रांची स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को लिखे एक पत्र के जरिये राज्य मंत्रिमंडल से मंत्रीपद से अपना इस्तीफा दिया.

आलम ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे अन्य पत्र में कहा, ''मैं झारखंड में कांग्रेस विधायक दल के नेता पद से अपना इस्तीफा देता हूं. विधायक दल के नेता के रूप में कार्य करने का अवसर देने के लिए मैं पार्टी नेतृत्व का हमेशा आभारी रहूंगा.''

Advertisement

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 15 मई को कांग्रेस नेता को धन शोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया था. इससे कुछ दिन पहले ही उनके सहयोगी से जुड़े परिसरों से करीब 32 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई थी. राज्य में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पिछले सप्ताह आलम को चंपई सोरेन मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की थी.

भाजपा के एक प्रवक्ता ने आरोप लगाया, “झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन की भ्रष्टाचार गाथा देश के सामने उजागर हो चुकी है. आलम पर एक बड़े निविदा घोटाले का आरोप है, जिसमें उन्होंने और उनके साथियों ने पक्षपात के बदले निविदा तय की थी. उन्होंने इस्तीफा न देकर राजनीतिक शालीनता की सभी सीमाएं पार कर दीं... उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मॉडल का अनुसरण करने की कोशिश की, जहां केजरीवाल ने गिरफ्तार होने के बावजूद इस्तीफा नहीं दिया... लेकिन यहां हम करदाताओं के पैसे की बर्बादी नहीं होने देंगे.”

उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा सड़कों पर उतरने और मुख्यमंत्री सचिवालय का घेराव करने की धमकी दिए जाने के बाद ही आलम ने इस्तीफा दिया.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि आदर्श आचार संहिता हटने के बाद आलम इस्तीफा देने वाले थे. इससे पहले मुख्यमंत्री ने आलम के सभी चार विभागों.. संसदीय कार्य मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, ग्रामीण कार्य मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय का प्रभार अपने हाथों में ले लिया था.

Advertisement

पाकुड़ से विधायक आलम (70) को पिछले महीने केंद्रीय एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालय में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया था. धन शोधन मामले की जांच राज्य के ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं से संबंधित है.

आलम अपने निजी सचिव और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संजीव कुमार लाल (52) और उनके घरेलू सहायक जहांगीर आलम (42) की गिरफ्तारी के बाद ईडी की जांच के दायरे में आए.

Advertisement

छापेमारी के दौरान एजेंसी ने उनसे जुड़े एक फ्लैट से 32 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की. मंत्री ने पहले संवाददाताओं से कहा था कि वह “कानून का पालन करने वाले” नागरिक हैं. उन्होंने लाल की गतिविधियों से खुद को दूर करने की कोशिश करते हुए कहा कि प्रशासनिक अधिकारी ने अतीत में राज्य सरकार के अन्य मंत्रियों के साथ भी काम किया है.

धन शोधन की जांच राज्य ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं से संबंधित है. ईडी ने कहा था कि मामले में 'वरिष्ठ नौकरशाहों और राजनेताओं' के नाम सामने आए हैं और इसकी जांच की जा रही है.

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Chhattisgarh में बड़े स्वास्थ्य घोटाले की आशंका, बिना Budget आवंटन के 660 Crore की ख़रीद | Congress
Topics mentioned in this article