झारखंड: सड़क के अभाव में 2 किमी तक बेटे के शव को कंधे पर रख चलने को मजबूर हुआ पिता

पोस्टमार्टम के लिए शव लेने शुक्रवार को प्रतापपुर पुलिस गाड़ी से पहुंची, लेकिन दुर्गम क्षेत्र और गांव तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं होने के कारण गाड़ी मृतक के घर से दो किलोमीटर पहले ही रूकी रही.

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  • झारखंड के चतरा जिले के प्रतापपुर प्रखंड में आठ साल के अजय की आहर में डूबने से मौत हुई थी
  • पुलिस की गाड़ी दुर्गम इलाके में नहीं पहुंच पाई, जिसके कारण पिता ने पुत्र का शव कंधे पर उठाया
  • शव को कंधे पर लेकर पिता ने लगभग दो किलोमीटर चलकर पुलिस वैन तक पहुंचाया था
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झारखंड के चतरा जिले के अति पिछड़ा प्रतापपुर प्रखंड में एक पिता ने शुक्रवार को अपने पुत्र के शव को कंधे पर लेकर लगभग दो किलोमीटर चलकर खुद पुलिस की गाड़ी तक पहुंचाया. प्रतापपुर के कुब्बा गांव में गुरुवार की शाम आठ साल के अजय की मौत आहर में डूबने से हो गयी थी.

इसके बाद पोस्टमार्टम के लिए शव लेने शुक्रवार को प्रतापपुर पुलिस गाड़ी से पहुंची, लेकिन दुर्गम क्षेत्र और गांव तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं होने के कारण गाड़ी मृतक के घर से दो किलोमीटर पहले ही रूकी रही. जब पुलिस की गाड़ी गांव तक नहीं पहुंच पाई तो पिता भोला गंझू ने पुत्र के शव को कंधे पर रखकर कुब्बा गांव से पुलिस की वैन तक पहुंचाया.

इस बीच पिता भोला गंझू के आंखों में बेबसी झलक रही थी. पुत्र को खोने के बाद पिता की आंखों के आंसू सूख चुके थे. प्रतापपुर में कई ऐसे गांव हैं जहां बारिश के दिनों में गाड़ी नहीं पहुंच पाती है. इससे यहां रहने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है. मालूम हो कि कुब्बा गांव में आदिम जनजाति जैसे बिरहोर, गंझू और भोक्ता समुदाय के लोग रहते हैं. यह गांव घने जंगलों और दुर्गम पहाड़ों के बीच स्थित है. इस गांव तक पहुंचने के लिए कोई सड़क नहीं है.

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