12+ बच्चों के लिए 'बिना सूई वाली' ZyCoV-D वैक्सीन तैयार, Zydus Cadila ने इस्तेमाल की मांगी मंज़ूरी

ZyCoV-D एक डीएनए कोविड वैक्सीन है, जो वायरस के उस हिस्से के आनुवंशिक कोड को वहन करता है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को ट्रिगर करता है. यह इस तरह के प्राधिकरण के लिए आवेदन करने वाला दूसरा स्वदेशी COVID-19 वैक्सीन होगा और साथ ही कोरोनावायरस के खिलाफ दुनिया का पहला डीएनए वैक्सीन होगा.

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ZyCoV-D एक DNA वैक्सीन है, जो कोविड के खिलाफ दुनिया का पहला डीएनए वैक्सीन होगा.
नई दिल्ली:

मशहूर फार्मास्युटिकल कंपनी Zydus Cadila ने अपनी ZyCoV-D वैक्सीन के लॉन्च के लिए गुरुवार को आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (EUA) से मंजूरी मांगी है. सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को आवेदन दिया है, जिसमें 12 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मांगी गई है. कंपनी ने दावा किया है कि टीके ने तीसरे चरण का परीक्षण पूरा कर लिया है.

ZyCoV-D एक डीएनए कोविड वैक्सीन है, जो वायरस के उस हिस्से के आनुवंशिक कोड को वहन करता है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को ट्रिगर करता है. यह इस तरह के प्राधिकरण के लिए आवेदन करने वाला दूसरा स्वदेशी COVID-19 वैक्सीन होगा और साथ ही कोरोनावायरस के खिलाफ दुनिया का पहला डीएनए वैक्सीन होगा.

Zydus ने दावा किया है कि उसकी वैक्सीन सिम्प्टोमैटिक कोविड पर 66.6 फीसदी प्रभावी है और उससे आगे की बीमारी पर यह सौ फीसदी कारगर है. कंपनी की तरफ से यह भी कहा गया है कि यह वैक्सीन 12 से 18 साल के बच्चों के लिए सुरक्षित है. हालांकि, उसका ट्रायल डेटी अबी तक पीर रिव्यू नहीं हो सका है.

कंपनी की तरफ से कहा गया है कि ZyCoV-D वैक्सीन का ट्रायल देशभर के 28000 वॉलेंटियर्स पर किया गया है और सभी के नतीजे सुरक्षित और प्रभावी रहे हैं. कंपनी ने बताया कि इनमें से 1000 वॉलेंटियर्स 12 से 18 साल की उम्र के बीच के थे. कंपनी ती तरफ से कहा गया है कि तीन खुराक वाली यह वैक्सीन 'निडल फ्री' यानी बिना सूई वाली होगी.

इससे पहले, एक सरकारी सूत्र ने कहा था: "Zydus Cadila ने सरकार से कहा है कि वह अगले सात-आठ दिनों में ZyCoV-D वैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के लिए आवेदन कर सकती है."

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इससे पहले 18 जुलाई को, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने एएनआई को बताया था कि Cydus Cadila ने अपने तीसरे चरण के अध्ययन के लिए 28,000 से अधिक स्वयंसेवकों को नामांकित किया है.

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भारत ने COVID-19 के खिलाफ अब तक तीन टीकों को मंजूरी दी है - कोवैक्सिन (भारत बायोटेक), कोविशील्ड (सीरम इंस्टीट्यूट), और रूसी स्पुतनिक वी. कोविशील्ड को एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित किया गया है.

ZyCoV-D, Bharat Biotech's Covaxin के बाद दूसरा स्वदेशी टीका है, जो तीन खुराक वाला टीका है - जिसे 0 दिन, 28 दिन और 56वें ​​दिन दिया जाना है. कंपनी ने कहा है कि वह दो डोज वाली वैक्सीन पर भी काम कर रही है.

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वैक्सीन कैंडिडेट के स्टैबिलिटी डेटा से पता चला है कि ZyCoV-D को लंबे समय तक उपयोग के लिए 2 से 8 डिग्री सेल्सियस और अल्पावधि के लिए 25 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर किया जा सकता है.

वीडियो- दुनिया की पहली DNA वैक्सीन जायकोव-डी भारत में हो रही तैयार

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