दुनिया की पहली DNA वैक्सीन Zycov-D को भारत में मंजूरी मिल गई है. Zydus Cadila द्वारा निर्मित Zycov-D वैक्सीन को DCGI ने आज शुक्रवार को मंजूरी दी है. वैक्सीन को इमर्जेंसी यूज ऑथोराइजेशन मिलने के बाद इसकी 0, 28 और 56 दिन पर तीनों डोज दी जा सकती हैं. इस वैक्सीन पर अब तक का सबसे बड़ा ट्रायल हुआ है, जिसमें करीब 28000 लोग शामिल हुए थे.
खास बात यह है कि ये इंजेक्शन मुक्त वैक्सीन है. ये फार्मा जेट इंजेक्शन फ्री सिस्टम के द्वारा दिया जाता है. इसे 2 से 8 डिग्री पर स्टोर किया जा सकता है. इससे पहले, Covishield, कोवैक्सीन, स्पूतनिक, Moderna और J and J को भारत में मंजूरी मिल चुकी है. इस वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद 12 साल से ऊपर के बच्चों के कोविड वैक्सीनेशन के रास्ते भी खुल गए हैं. Zydus ने इस वैक्सीन का निर्माण डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के साथ मिलकर किया है.
इस वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद देश में अब कोरोना के खिलाफ 6 वैक्सीन से लोगों को सुरक्षा दी जा सकेगी. कंपनी ने कहा कि उसकी सालाना ZyCoV-D की 100 मिलियन से 120 मिलियन खुराक बनाने की योजना है. कंपनी ने वैक्सीन का स्टॉक करना भी शुरू कर दिया है. कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड के रूप में सूचीबद्ध जेनेरिक दवा निर्माता ने 1 जुलाई को ZyCoV-D के प्राधिकरण के लिए आवेदन किया था. वैक्सीन का ट्रायल 28,000 से अधिक स्वयंसेवकों पर किया गया है. परीक्षण में इसकी प्रभावकारिता 66.6 प्रतिशत आकी गई है.
ZyCoV-D कोरोनावायरस के खिलाफ दुनिया का पहला प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन है. यह वायरस से आनुवंशिक सामग्री के एक हिस्से का उपयोग करता है.
बॉयोटेक्नलॉजी विभाग के साथ साझेदारी में विकसित Zydus Cadila का टीका, भारत बायोटेक के Covaxin के बाद भारत में आपातकालीन प्राधिकरण प्राप्त करने वाला दूसरा घरेलू शॉट है.
डेल्टा वेरिएंट के मामलों में मृत्यु दर को कम करती है वैक्सीन : ICMR की स्टडी रिपोर्ट
दवा निर्माता ने जुलाई में कहा था कि उसका COVID-19 वैक्सीन नए कोरोनावायरस म्यूटेंट, विशेष रूप से डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी है, और यह शॉट पारंपरिक सीरिंज के विपरीत सुई-मुक्त ऐप्लिकेटर का उपयोग करके प्रशासित किया जाता है.