संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, टीएस तिरुमूर्ति ने शुक्रवार को कहा कि अफगानिस्तान में स्थायी शांति के लिए आतंकवाद के सभी रूपों के लिए जीरो टॉलरेंस होना चाहिए और क्षेत्र में आतंकवादियों के पनाहगाहों को खत्म किया जाना चाहिए.
अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए तिरुमूर्ति ने कहा, "यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि अफगानिस्तान के पड़ोसियों और उस क्षेत्र को आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ से कोई खतरा न हो."
उन्होंने कहा, "आतंकवाद के सभी रूपों और तरीकों में जीरो टॉलरेंस होने की आवश्यकता है. यह सुनिश्चित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी समूहों द्वारा किसी अन्य देश को धमकाने या हमला करने के लिए नहीं किया जाता हो. आतंकवादी संस्थाओं को सामग्री और वित्तीय सहायता प्रदान करने वालों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए."
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भारतीय दूत ने कहा कि अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति भारत के लिए काफी चिंता का विषय है. उन्होंने कहा, "वहां हिंसा कम होने के कोई संकेत नहीं दिखते हैं. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट यह स्पष्ट करती है कि हताहत नागरिकों और लक्षित हत्याएं रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं. धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों, छात्राओं, अफगान सुरक्षा बलों, उलेमाओं, महिलाओं, पत्रकारों, नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं पर लक्षित हमले हुए हैं."
भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हालिया हत्या और अफगान रक्षा मंत्री पर हमले का संदर्भ देते हुए, भारतीय दूत ने कहा, "स्पिन बोल्डक में 100 से अधिक अफगान नागरिकों को बेरहमी से मार दिया गया था. अफगानिस्तान में सुरक्षा की स्थिति में तेजी से गिरावट एक गंभीर स्थिति है और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए बड़ा खतरा है."