ये मीडिया और TDP का प्रोपगैंडा.. सोलर एनर्जी डील को लेकर लगे आरोपों का YSRCP ने दिया जवाब

रेड्डी की पार्टी ने कहा कि SECI की पेशकश स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट करती है कि केंद्र सरकार ने उनकी पेशकश के हिस्से के रूप में इस परियोजना के लिए ISTS टैरिफ पर छूट दी थी. YSRCP ने कहा कि इसके अलावा SECI के साथ व्यवस्था में ISTS टैरिफ के बारे में जानकारी पब्लिक डोमेन में रखी गई है.

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प्रतीकात्मक फोटो.
हैदराबाद:

आंध्र प्रदेश में विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) ने कथित तौर पर बिजली आपूर्ति वाले प्रस्ताव को लेकर लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. ईनाडु अखबार और सत्ताधारी तेलुगू देशम पार्टी (TDP) की ओर से आरोप लगाए गए थे कि राज्य की पिछली सरकार ने कथित तौर पर बिजली आपूर्ति का प्रस्ताव जल्दबाजी में मंजूर किया था. इस प्रस्ताव को लेकर कोई जांच-पड़ताल और मार्केट रिसर्च नहीं की गई थी. इससे राजस्व पर 1.1 लाख करोड़ रुपये का भारी बोझ पड़ा. YSRCP ने कहा कि लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं. ये आरोप मीडिया और TDP की दुर्भावनापूर्ण कैंपेन का हिस्सा है.

YSRCP ने बुधवार को एक बयान में कहा कि ईनाडु अखबार ने सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी की फैलाए गए दुष्प्रचार का इस्तेमाल किया है. अखबार ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया कि सितंबर 2021 में सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SECI) की 2.49 रुपये प्रति किलोवाट बिजली सप्लाई करने की पेशकश को तत्कालीन जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने स्वीकार कर लिया था. सात घंटे की अवधि के भीतर प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई थी.

रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया कि बिजली सप्लाई का प्रस्ताव जनता के हितों के लिए बहुत प्रतिकूल था. इससे 1.1 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ा.

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अपने बयान में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी ने कहा, "ये आरोप इस तथ्य के बावजूद लगाए गए हैं कि टैरिफ आज तक आंध्र प्रदेश डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनियों) के बिजली के सभी स्रोतों से कम था. प्रस्ताव के बारे में केंद्र सरकार को जानकारी भी दी गई थी. साथ ही इंटर स्टेट ट्रांसमिशन टैरिफ में छूट का प्रोत्साहन भी शामिल था."

YSRCP ने अपने बयान में कहा, "पहले आरोप के जवाब में SECI से बहुत मुनाफे वाला प्रस्ताव 15 सितंबर 2021 को मिला था. आंध्र प्रदेश डिस्कॉम और सरकार के बीच PSA (बिजली बिक्री समझौता) के रूप में ये डील हुई. आंध्र प्रदेश और SECI को 1 दिसंबर 2021 को एक्जिक्यूट किया गया था. इसलिए, प्रस्ताव मिलने की तारीख और समझौते पर साइन होने की तारीख के बीच ढाई महीने से ज्यादा का अंतर है."

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पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पार्टी ने बयान में कहा, "1 दिसंबर 2021 को PSA पर साइन होने तक आंध्र प्रदेश सरकार या उसके किसी भी उपक्रम पर कुछ भी बाध्यकारी नहीं था. इन ढाई महीनों के दौरान अधिकारियों के बीच कई दौर की बातचीत हुई थी. आंध्र प्रदेश और SECI के अधिकारियों ने प्रस्ताव से जुड़ी ताकत और कमजोरियों का गहराई से विश्लेषण किया. इस प्रस्ताव के लिए आंध्र प्रदेश विद्युत नियामक आयोग से 8 नवंबर 2021 को मंजूरी मांगी गई.11 नवंबर 2021 को मंजूरी दी गई."

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आंध्र प्रदेश डिस्ट्रिब्यूशन यूटिलिटीज कृषि क्षेत्र को सालाना 12,500 MU मुफ्त बिजली की सप्लाई करती है.  सरकार डिस्ट्रिब्यूशन यूटिलिटीज को उस बिजली से संबंधित सप्लाई की लागत की सीमा तक मुआवजा देती है. YSRCP ने बयान में कहा कि अखबार ने आरोप लगाया कि PSA लागू करने का निर्णय मंत्रिपरिषद ने 16 सितंबर को ही ले लिया था.

बयान में कहा गया कि ईनाडु अखबार के आरोपों पर प्रतिक्रिया की जरूरत है. क्योंकि, कई बार बताने और सबूत दिखाने के बावजूद इंटरस्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम टैरिफ SECI के साथ व्यवस्था पर लागू क्यों नहीं होंगे. 

रेड्डी की पार्टी ने कहा कि SECI की पेशकश स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट करती है कि केंद्र सरकार ने उनकी पेशकश के हिस्से के रूप में इस परियोजना के लिए ISTS टैरिफ पर छूट दी थी. YSRCP ने कहा कि इसके अलावा SECI के साथ व्यवस्था में ISTS टैरिफ के बारे में जानकारी पब्लिक डोमेन में रखी गई है. बावजूद इसके TDP की साजिश पर ईनाडु अखबार झूठ और भ्रम फैला रहा है.


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