महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच आज उद्धव ठाकरे ने सीधे सीधे एकनाथ शिंदे पर हमला बोला. पार्टी के जिला प्रमुखों को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा,”खुद का बेटा सांसद है और मेरे बेटे को लेकर बोला जाता है ...लेकिन क्या मेरे बेटे को कुछ ना करू.” उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैने सभी विभाग दूसरे को दे दिए थे और यहां तक कि नगर विकास विभाग शिंदे को दिया था. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा,” लेकिन मेरे उपर कई आरोप किए जा रहे है. एक बार हार हुई है लेकिन इसका कोई असर नही होता क्योंकि शिवाजी महाराज की हार तो हुई लेकिन जनता हमेशा उनके साथ रही.
अपने स्वास्थ्य के बारे में उद्धव ठाकरे ने कहा,”मेरे गर्दन में और सर में दर्द हुआ, कंधे से पांव तक सही से काम नहीं कर पा रहा था, कुछ लोगों को लगा यह ठीक नहीं होता है, कुछ लोग अभिषेक कर रहे थे, कुछ लोग देवता को पानी में डूबा रहे थे, मेरी आंख भी नहीं खुल रही थी लेकिन मुझे उसकी परवाह नहीं.”
महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच आज उद्धव ठाकरे पार्टी के ज़मीनी कार्यकर्ताओं से रू-ब-रू हुए. शिवसेना के जिला प्रमुखों को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा,” आप पेड़ के फूल फल और टहनी ले जा सकते हैं लेकिन जड़े नहीं नहीं तोड़ सकते.” वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं को उद्धव ठाकरे ने संबोधित किया. सूत्रों के मुताबिक, उद्धव ठाकरे ने कहा कि बागी विधायक शिवसेना तोड़ना चाहते हैं. उन्होंने कहा,”मर जाएँगे फिर भी शिवसेना नहीं छोड़ेंगे, ये कहने वाले आज भाग गये.” उद्धव ठाकरे ने कहा,”जो छोड़ गये उनके लिए मुझे बुरा क्यों लगे, में कोई भी सत्तानाट्य नहीं कर रहा हूँ.”
बागी नेता, जो शिवसेना और ठाकरे का नाम लेकर अपनी सियासी दुकान चलाते हैं, पर तंज कसते हुए उद्धव बोले,” शिवसेना और ठाकरे का नाम लिए बिना आप कैसे आगे बढ़ेंगे?”
महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में चल रहे संकट के बीच शिवसेना ने आज दोपहर जिला अध्यक्षों और मुख्य जिला समन्वयकों सहित पार्टी नेताओं की एक अहम बैठक बुलाई थी. इसे विश्वास बहाली के कवायद के रूप में देखा जा रहा है. मुंबई के शिवसेना भवन में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में ये बैछक हुई.
गौरतलब है कि, बैठक से पहले बागियों के चेतावनी देते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, "हमें चुनौती देने वाले एकनाथ शिंदे गुट को यह समझना चाहिए कि शिवसेना के कार्यकर्ता अभी सड़कों पर नहीं आए हैं. ऐसी लड़ाई या तो कानून के जरिए लड़ी जाती है या सड़कों पर. अगर जरूरत पड़ी तो हमारे कार्यकर्ता सड़कों पर आएंगे."
इस बीच, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना धड़े ने राज्य विधानसभा के उपाध्यक्ष के समक्ष एक याचिका दायर कर एकनाथ शिंदे सहित 12 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की है. ठाकरे गुट का कहना है कि एकनाथ शिंदे सहित 12 विधायकों ने बुधवार को विधायिका पार्टी की बुलाई बैठक में शामिल नहीं हुए थे.
शिंदे के अलावा शिवसेना ने प्रकाश सुर्वे, तानाजी सावंत, महेश शिंदे, अब्दुल सत्तार, संदीप भुमारे, भरत गोगावाले, संजय शिरसत, यामिनी यादव, अनिल बाबर, बालाजी देवदास और लता चौधरी को अयोग्य ठहराने की मांग की है.