मैसूर अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ( MUDA)के कथित 4000 करोड़ रुपये के प्लॉट घोटाले को लेकर कर्नाटक में दो आंदोलन एक साथ चल रहे हैं. बीजेपी और जे डी एस की पदयात्रा और इसके खिलाफ कांग्रेस भी जन आंदोलन कर रही है. लेकिन इन सबके बीच अब इस राजनीतिक लड़ाई में नया मोड़ आ गया है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बीच दशकों पुराने संबंधों में खटास आ गयी है. पहली बार ऐसा हुआ है जब दोनो वरिष्ठ नेता एक दूसरे के खिलाफ सीधा हमला बोलते नज़र आ रहे हैं.
कर्नाटक में सिद्धारमैया बनाम येदियुरप्पा
येदियुरप्पा ने कहा की मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को "नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए" . मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मैसूर चलो पद यात्रा के दौरान येदियुरप्पा के इस बयान पर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया भड़क गए. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा की " येदियुरप्पा को सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लेना चाहिए. 82 साल की उम्र में वे पोक्सो मामले में फंस गए हैं. और ऐसे लोग मेरे खिलाफ बोलते हैं, उनके पास क्या नैतिक अधिकार है" 17 साल की एक लड़की के साथ छेड़छाड़ का मामला इसी साल एक महिला ने येदियुरप्पा के खिलाफ दर्ज करवाया था. सीआईडी ने चार्जशीट दाखिल की है लेकिन कर्नाटक हाई कोर्ट ने फिलहाल येदियुरप्पा की गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है.
बीजेपी की है 2 मांग
बीजेपी की दो मांगे है. पहली की मुख्यमंत्री सिद्धरमैया इस्तीफा दे और दूसरी की MUDA घोटाले की जांच सीबीआई से करवाई जाए. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का कहना है की उनकी पत्नी को जमीन के बदले MUDA ने 14 विकसित प्लॉट्स दिए. ये प्लॉट्स 2022-23 में दिए गए जब बीजेपी की बसवराज बोम्मई सरकार सत्ता में थी. अगर कुछ गलत था तो बीजेपी सरकार ने प्लॉट क्यों दिए. अपनी सफाई में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा की उनकी पत्नी ने तब भी प्लॉट्स के तौर पर अपना हक मांगा था जब वो अपने पहले टर्म में मुख्यमंत्री थे यानी 2013 से 2018 के बीच लेकिन उन्होंने इस फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया था.
बीजेपी ने क्या कहा?
बीजेपी का कहना हैं की भले ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सीधे तौर पर शामिल ना हो लेकिन उनका परिवार इसमें लाभार्थी है ऐसे में नैतिकता के आधार पर सिद्धारमैया को इस्तीफा देना चाहिए. मंगलवार को राजभवन में हलचल तेज हो गई जब आरटीआई कार्यकर्ता टी जे अब्राहम को राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने बुलाया. इनकी ही शिकायत पर राज्यपाल ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को Show Cause Notice भेज कर पूछा था की क्यों ना उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून्नके तहत करवाई की जाए. इसके जवाब में सिद्धारमैया ने मंत्री परिषद की बैठक बुलाई और राज्यपाल को इस show cause notice वापस लेने की सलाह दी.
अब सभी की नजर राजभवन पर है. अगर राज्यपाल मुकदमा चलाने की इजाजत देते है तो क्या मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इस्तीफा देंगे. या फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की तरह इस्तीफा नहीं देंगे या फिर राज्यपाल थावरचंद गहलोत मंत्रिपरिषद की सलाह मानेंगे फिलहाल MUDA घोटाले की न्यायिक जांच कर्नाटक हाई कोर्ट के पूर्व न्यायधीश पी एन देसाई की अध्यक्षता में चल रही है.
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