वंदे भारत ट्रेनें, सुरंगें और वॉटर मेट्रो... साल 2023 में हुआ इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव

भारत को 2025-26 में 5 ट्रिलियन डॉलर और 2030 तक 7 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए नई सड़कों, हाईवे, एयरपोर्ट और रेलवे की बड़ी अहमियत है. इसे पीएम मोदी के प्रशासन की खासियत के तौर पर भी देखा जाता है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अक्टूबर 2023 को गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर-8 में बने स्टेशन से 'नमो भारत' को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
नई दिल्ली:

Year Ender 2023 5 Most Infrastructure Project: साल 2023 खत्म होने को है. कुछ दिन बाद नया साल 2024 दस्तक देगा. भारत अर्थव्यवस्था को  5 ट्रिलियन डॉलर की बनाने को लेकर मोदी सरकार (Modi Government) लगातार कोशिशें कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की लीडरशिप में देश ने साल 2023 में कई उपलब्धियां हासिल की. ऊर्जा, सड़क, शहरी बुनियादी ढांचा, रेलवे, एयरपोर्ट जैसे सेक्टरों में मोदी सरकार ने इस साल ऐसे प्रोजेक्ट शुरू किए, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर का कायाकल्प हुआ. आइए जानते हैं मोदी सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कौन से 10 कदम उठाए:-

कैसा रहा बीता साल 2023 : विस्तार से जानें

1. जोजिला सुरंगें
रणनीतिक तौर से अहम कश्मीर घाटी को लद्दाख से जोड़ने वाली जोजिला सुरंग उन बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में से एक है, जिनके जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए भारत का निर्माण कर रहे हैं. वैसे तो जोजिला सुरंग का निर्माण अप्रैल 2021 में शुरू किया गया था. लेकिन 2023 में इसमें तेजी आई. जोजिला सुरंग एशिया की सबसे लंबी सुरंग है. ये 7 हजार करोड़ रुपये की लागत से बन रही है. अब तक जोजिला सुरंग का 28 फीसदी काम पूरा हो चुका है.

2. RAPID रेल
इस साल देश को पहली RAPID रेल (नमो भारत) मिल गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अक्टूबर 2023 को गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर-8 में बने स्टेशन से 'नमो भारत' को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. 21 अक्टूबर से रैपिड ट्रेन सर्विस आम लोगों के लिए शुरू हो गई. पहले फेज में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक 17 किमी की यात्रा की जा सकेगी. यह यात्रा 12 मिनट में तय की जा सकेगी.

3. वॉटर मेट्रो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 अप्रैल 2023 को देश को पहली वॉटर मेट्रो समर्पित की. करीब 1,136 करोड़ रुपये की परियोजना को केरल के लिए ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जा रहा है. यह शहर में सार्वजनिक परिवहन व पर्यटन के जरिये आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दे सकेगा. यह वॉटर मेट्रो (Water Metro) कोच्चि और उसके आसपास के 10 द्वीपों को जोड़ेगी. इससे लोगों को किफायती और सुरक्षित यात्रा मिल सकेगी.

4. वंदे भारत ट्रेन
13 दिसंबर, 2023 तक तक देश में 34 वंदे भारत ट्रेन लॉन्च हो चुकी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने देश में पहली वंदे भारत ट्रेन को 15 फरवरी, 2019 को हरी झंडी दिखाई थी. ये ट्रेन उत्तर प्रदेश के वाराणसी से देश की का राजधानी दिल्ली के बीच चली थी.

5. सड़क नेटवर्क
सड़कों की बात करें, तो ग्रामीण सड़क नेटवर्क की लंबाई इस साल 7 लाख 29 हजार किलोमीटर पहुंच गई है. पिछले आठ साल में 50 हजार किलोमीटर नेशनल हाईवे बने हैं. ये उससे पहले के आठ साल से दो गुना ज्यादा है. भारत हर साल 10 हजार किलोमीटर हाईवे बना रहा है. अगले 24 महीनों में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मेट्रो सिस्टम तैयार हो जाएगी. 

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6. बिजली उत्पादन
भारत की बिजली पैदा करने की क्षमता में 22% की बढ़त हुई है, जबकि अक्षय ऊर्जा की क्षमता पिछले पांच साल में दोगुनी हो गई है. इंटरनेट कनेक्विटी और डिजिटल पेमेंट भी पिछले पांच साल में कई गुना बढ़े हैं. 

7. इलेक्ट्रिफिकेशन
इस साल के बजट में सड़कों और रेलवे को केंद्र सरकार के पूंजी खर्च का लगभग 11 फीसदी हिस्सा मिला है. ये 2014-15 में 2.75 फीसदी था. 2014 से पहले सालाना करीब 600 किलोमीटर रेलवे लाइन का विद्युतिकरण यानी इलेक्ट्रिफिकेशन हुआ था. अब इसकी रफ्तार 4 हजार किलोमीटर प्रति वर्ष हो गई है.

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8. फ्रेट कॉरीडोर
जिन 6 ढुलाई कॉरीडोर से भारतीयों की यात्रा बदलने वाली है, उनमें से 2 आंशिक रूप से चालू हैं. इनमें से एक मुंबई और दिल्ली के बीच वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर, दूसरा पंजाब और पश्चिम बंगाल के बीच ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर है. ये जल्द ही पूरे बन जाएंगे. 

9. हवाई अड्डों की संख्या
भारत में हवाई यात्रा भी बदल रही है. पिछले 9 साल में भारतीय हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी से ज्यादा हो गई है. अब मध्यम वर्गीय परिवार हवाई यात्राएं कर रहे हैं. ये विकास के ऐसे संकेत हैं, जो दिख रहे हैं. पीएम मोदी के कार्यक्रमों ने लोगों के जीवन को छुआ है.

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10. चारधाम परियोजना
मोदी सरकार की एक अहम परियोजना 889 किलोमीटर की चारधाम परियोजना का निर्माण है. इससे श्रद्धालु भारत के सबसे ऊंचे क्षेत्रों में बने गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ तक आसानी से पहुंच सके. इस परियोजना से यात्रा का समय 40 प्रतिशत तक काम पूरा हो गया.

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